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मकान खरीदने वालों को Housing Board की तीन गुना राहत

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2020 11:50:19 am

Submitted by:

Bhavnesh Gupta

#RajasthanHousingBoard

मकान खरीदने वालों को Housing Board की तीन गुना राहत

मकान खरीदने वालों को Housing Board की तीन गुना राहत

जयपुर। राजस्थान आवासन मण्डल से आवास खरीदने वालों के लिए तीन गुना खुशखबर है। मण्डल ने न केवल लीज राशि में कमी कर दी है, बल्कि निर्माण अनुमति प्रक्रिया भी सरल कर दी है। साथ ही नीलामी में न्यूनतम बिड प्राइस में भी कमी कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी बढ़ा दी है। इस मामले में मण्डल आयुक्त और अध्यक्ष दोनों ने हरी झंडी दे दी है। पहली बार है जब आवास आवंटन राशि से जुड़े एक साथ तीन फैसले किए गए हैं।

1. लीज राशि हुई आधी :: मण्डल की योजनाओं में आवंटित वाणिज्यिक व संस्थानिक भूखण्डधारियों को लीज राशि दर में बड़ी राहत दी है। मण्डल ने लीज राशि दर को आधी कर दी है। अब लीज की गणना आवंटित आरक्षित दर की 5 प्रतिशत के स्थान पर 2.5 प्रतिशत ही लीज जाएगी। अभी जेडीए, नगर निगम या यूआईटी की तुलना में हाउसिंग बोर्ड की आरक्षित दरें (वाणिज्यिक व संस्थानिक उपयोग की भूमि की) ज्यादा होती है। यूआईटी या विकास प्राधिकरण क्षेत्र में वाणिज्यिक दर आवासीय दर का 200 प्रतिशत, जबकि संस्थानिक दर 125 प्रतिशत के बराबर होती है। जबकि, बोर्ड क्षेत्र में यही दर क्रमश: 400 प्रतिशत और 150 प्रतिशत होती है। इस कारण से लीज राशि की वैल्यू भी यूआईटी व विकास प्राधिकरण क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा होती है।
2. उप आवासन आयुक्त स्तर पर मिल जाएगी निर्माण अनुमति :: जिन भूखण्डों पर निर्माण की अवधि निकल चुकी है ऐसे प्रकरणों में निर्माण की समयावधि को बढ़ाने के मामले अब मुख्यालय के बजाए उप आवासन आयुक्त कार्यालय स्तर पर ही निस्तारित कर दिए जाएंगे। वर्तमान में 8 साल से ज्यादा समय के मामले में अध्यक्ष व 13 साल से ज्यादा के मामले में बोर्ड स्तर पर अनुमति दी जाती है। लेकिन अब 8 साल से ज्यादा समय के मामले में उप आवासन आयुक्त स्तर पर, जबकि उससे ज्यादा के मामले में बोर्ड आयुक्त स्तर पर अनुमति दे दी जाएगी। हालांकि इसके लिए प्रचलित दर पर पुर्नग्रहण शुल्क लगेगा।
3. नीलामी में मिनीमम बिड प्राइज होगी कम :: जयपुर जेडीए की तर्ज पर अब आवासन मण्डल भी नीलामी योग्य सम्पत्तियों की न्यूनतम बिड प्राइज (दरों) को कम करेगा। इसके लिए बिड प्राइज निर्धारण के फॉमूर्ले में बदलाव किया जाएगा। ताकि न्यूनतम बिड प्राइज तर्कसंगत हो सके और नीलामी में ज्यादा से ज्यादा लोग भागीदारी सुनिश्चित करें।
-मण्डल का आवास खरीदने वालों को सहुलियत मिले, इसके लिए नियमों में लगातार शिथिलता दे रहे हैं। लीज राशि घटाकर आधी करना बड़ा फैसला है। निर्माण अनुमति के लिए भी लोगों को अब चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। -पवन अरोड़ा, आवासन आयुक्त
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