सिंगला से पांच किलोमीटर दूर देवली कलां पैदल जा रहे वृद्व दम्पति हरिराम बावरी व केलकी देवी पैदल चलते थक गए तो रास्ते में रामसागर स्कू ल के पास पेड़ के नीचे बैठ गए।
पत्रिका संवाददाता ने इसने वार्ता की तो हालात बयां करते इस दम्पति की आंखें भर आई। जीवन के ६५ बसंत देख चुके हरिराम ने बताया कि उनके गांव में न तो बैंक है न ही बस सुविधा है।
इससे हर महिने ये दम्पति घर से पैदल रवाना होकर देवली कला मरुधरा ग्रामीण बैंक जाते हैं। आने-जाने में दस किलोमीटर के पैदल सफर को तय करने में पूरा दिन बीत जाता है।
इन गांवों में भी यही हालात
देवली कलां, रामपुरा, निम्बेड़ा कलां, बासनी, नोख, मोहरा कलां, बांसिया, बोयल, बासना, छितरिया, अटपड़ा सहित आस-पास के गांवों में रोडवेज बस सुविधा नहीं है। इनमें कई एेसे भी गांव हैं जहां निजी बस व टैक्सी सुविधा नहीं है। इन गांवों के पेंशनधारकों को पेंशन के लिए देवली कलां व कुशालपुरा बैंक तक दौड़ पैदल लगानी पड़ती है।
अपने गांव में रोडवेज बस सुविधा की मांग को लेकर ग्रामीणो ने हर संभव प्रयास किए लेकिन आज तक कहीं से राहत नहीं मिली। पेंशनधारकों को राहत मिल सके इसे लेकर उचित कदम उठाएंगे। साथ ही रोडवेज बस सुविधा के लिए सम्बंधित डिपो प्रबंधक से बात करेंगे।
भंवरलाल जनागल, उपखण्ड अधिकारी, रायपुर