पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि उपचुनाव में तीन सीटों पर करारी हार के बाद जो फीडबैक लिया गया उसमें सामने आया था कि बूथ समितियों में गलत लोगों का चयन कर लिया गया और इन गलत लोग बूथ पर सक्रिय ही नहीं रहे जिससे पार्टी प्रत्याशियों की करारी हार हुई।
मामला दिल्ली तक पहुंच गया प्रदेश नेतृत्व इस मसले पर गंभीर हुआ और संगठन महामंत्री चन्द्र् शेखर ने 51 हजार बूथ समितियों के सदस्यों का सत्यापन करने के मंडल प्रभारियों को निर्देश दिए थे। जयपुर शहर में बनी 1900 से ज्यादा बूथ समितियों में से 1500 बूथ समितियों का सर्वे कर लिया गया है। वहीं बची हुई बूथ समितियों का सर्वे आज शाम तक पूरा कर लिया जाएगा और रिपोर्ट संगठन महामंत्री को सौंपी जाएगी।
बूथ समितियों के सत्यापन की रिपोर्ट मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी सौंपी जाएगी। क्योंकि वे ही कई महीनों से विधान सभा चुनाव की तैयारियों के हिसाब से जिलों के दौरे कर रही हैं और प्रदेश अध्यक्ष नहीं होने पर पार्टी की संगठनात्मक गतिविधियां भी चल रही है। जिससे अध्यक्ष नहीं होने से संगठनात्मक गतिविधियों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं आए और कार्यकर्ताओं का मनोबल बना रहे। बताया जा रहा है कि एक दो दिन में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा शीर्ष नेतृत्व कर सकता है।