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जयपुर

विमंदित को बच्चा चोर समझकर दो गांवों के लोगों ने पीट-पीटकर किया बेहाल, पुलिस की लापरवाही, घर से भी बिछुड़ा

18 साल के विमंदित प्रकाश की अंधेरी दास्तां, तलाश में भटकते परिजन, भीड़ बच्चा चोर समझकर पीटती रही, पुलिस टरकाने में लगी रही
 

जयपुरAug 28, 2019 / 01:54 pm

Deepshikha Vashista

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विमंदित को बच्चा चोर समझकर दो गांवों के लोगों ने पीट-पीटकर किया बेहाल, पुलिस की लापरवाही, घर से भी बिछुड़ा

मनोज कुमार शर्मा / जयपुर. आप इस खबर से भाग सकते हैं। मुंह चुरा सकते हैं। लेकिन ये घटना समाज और सिस्टम के विवेक और संवेदनशीलता पर सवाल उठाती है। जमवारामगढ़ के बिलोद का प्रकाश मानसिक विमंदित है। बमुश्किल दो— चार शब्द बोल पाता है।
अजनबियों के सामने तो वह भी नहीं। इसी महीने की शुरुआत में 18 वर्ष का हुआ तो दोस्त और परिजन उसे 11 अगस्त को खाटूश्यामजी के दर्शन कराने ले गए। लेकिन यहां वो खो गया। परिवार तलाश में है, लेकिन भीड़ और पुलिस उसके साथ जो कर रहे हैं, वह संवेदनहीनता है।

भीड़ ने समझा बच्चा चोर, पुलिस ने जयपुर की बस में बैठाकर पल्ला झाड़ा

मंदिर से भटकने के बाद प्रकाश सीकर के आसपास के क्षेत्रों में ही घूमता रहा। प्रकाश को 11 अगस्त को बाय गांव में लोगों ने बच्चा चोर समझ कर पीटा और दातारामगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने तो लापरवाही की हद ही पार कर दी। परिजनों को तलाशने के बजाय उसने प्रकाश को भगवान भरोसे बस में बैठाकर जयपुर के लिए रवाना कर दिया। प्रकाश 12 अगस्त को बस से रेनवाल के सुंदरपुरा में पहुंच गया। सुंदरपुरा में भी लोगों ने उसे बच्चा चोर समझ कर पीट दिया। रेनवाल पुलिस प्रकाश को लेकर थाने चली गई। यहां भी दातारामगढ़ पुलिस जैसी लापरवाही हुई। रेनवाल पुलिस ने बताया कि उन्होंने प्रकाश को बस में जयपुर के लिए बैठा दिया।
वीडियो वायरल हुआ तो पता चला

परिजनों का कहना है कि सुंदरपुरा में प्रकाश की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर 16 अगस्त को उन्हें मिला। उसी रात 10 बजे वे रेनवाल थाने पहुंचे लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। पहले तो 35 वर्षीय दूसरे विमंदित व्यक्ति को दिखाते हुए कहा कि हम तो इसे पकड़कर लाए हैं। परिजन रात 1 बजे तक थाने में रहे। 35 वर्ष के व्यक्ति को लाने वाले एएसआइ कैलाशचंद से मिले। परिजनों ने प्रकाश का वीडियो दिखाया तो कैलाशचंद ने कहा हम लाए तो थे लेकिन पता नहीं वह कहां गया? परिजन अब तक भटक रहे हैं।
– मैंने 21 अगस्त को ही दातारामगढ़ थाने में ड्यूटी ज्वाइन की है। क्या घटना हुई है, इसकी जानकारी नहीं है, पता
करता हूं।
लालसिंह यादव, थानाधिकारी, दातारामगढ़


-सांभर थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। हमने 12 से 14 अगस्त तक उसे रखा, खाना खिलाया। आखिर उसे
जाने दिया।
वीर सिंह गुर्जर, थानाधिकारी, रेनवाल

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