केरल के आला पुलिस अफसर ने बताया कि बांसवाड़ा निवासी 12 बच्चियों को दो तस्करों के साथ भेजा गया था। एक तस्कर केरल का और दूसरा बांसवाड़ा का था। दोनों तस्करों के पास नाबालिग बच्चियों के परिजनों द्वारा लिखित शपथ पत्र मिला। शपथ पत्र में परिजनों की तरफ से बच्चियों को एर्नाकुलम स्थित स्कूल में पढ़ाने के लिए स्वयं की मर्जी से भेजना लिखा था। जबकि स्कूल बंद हुए काफी वर्ष हो चुके, इस पर मानव तस्करी का संदेह हुआ और दोनों तस्करों को आइपीसी 370 के तहत गिरफ्तार किया।
केरल पुलिस ने बताया कि सभी बच्चियों के परिजनों को इस संबंध में अवगत कराया गया। राजस्थान पुलिस से भी संपर्क किया गया। परिजन के केरल आने के बाद उनकी तस्दीक के बाद बच्चियों को उन्हें सुपुर्द करेंगे। केरल पुलिस गिरोह में शामिल अन्य लोगों को भी तलाश रही है।
– मजदूरी के लिए
– शादी के लिए
– धर्मान्तरण के लिए
– भीख मंगवाने के लिए
– वेश्यावृत्ति के लिए
– चोरी करवाने के लिए
प्रदेश में 2 वर्ष में 4250 बच्चों की तस्करी के प्रकरण दर्ज
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में वर्ष 2019 व 2020 में 4250 बच्चों की तस्करी के मामले सामने आए। इनमें वर्ष 2019 में 1071 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि वर्ष 2020 में 3179 प्रकरण दर्ज हुए। वर्ष 2020 में 551 लड़के और 2828 लड़कियों की तस्करी की गई। हालांकि इनमें 522 लड़के और 2493 लड़कियों को बरामद किया गया।