आईएएस अधिकारी इंद्र सिंह राव के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में एसीबी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद राज्य सरकार के उनके निलंबन की कार्रवाई की है। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करके आईएएस अफसर इंद्र सिंह राव को सस्पेंड कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय सचिवालय में कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव का कार्यालय होगा। सरकार ने राव को 23 दिसंबर से ही निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, बांरा जिले का कलेक्टर रहते हुए आईएएस अधिकारी इंद्रसिंह राव के खिलाफ एसीबी ने मामला दर्ज किया था। 23 दिसंबर को राव को गिरफ्तार किया गया था। इसके गिरफ्तारी के बाद उन्हें 48 घंटे से भी ज्यादा समय के लिए न्यायिक अभिरक्षा/पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। ऐसे में राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियम 1969 के नियम तीन के उप नियम 2 के तहत राव को निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि कोटा एसीबी ने पेट्रोल पंप की NOC जारी करने की रिश्वत लेते तत्कालीन बारां कलेक्टर के पीए महावीर को गिरफ्तार किया था। मामले में एसीबी ने जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव को भी नामजद किया था। महावीर के पास से 1 लाख 40 हजार की रिश्वत राशि बरामद की थी। 23 दिसम्बर को पूछताछ के बाद इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने इंद्र सिंह को 6 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिए थे। अभी इन्द्र सिंह राव न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
गिरफ्तारी के दिन से ही निलंबित
23 दिसंबर को गिरफ्तार होने के बाद राव के निलंबित आदेश कई दिन तक जारी नहीं हुए। जबकि नियमानुसार 48 घंटे न्यायिक हिरासत में रहने पर स्वत: निलंबन का प्रावधान है। अब राव को निलंबित किया गया है और गिरफ्तारी के दिन से ही उन्हें निलंबित माना गया है। इंद्र सिंह राव अभी काेटा सेंट्रल जेल में बंद है।