दरअसल, इस वैश्विक महामारी को हराने के लिए हर कोई अपने अपने तरीके से लोगों को जागरूक और अपील करने का जतन कर रहा है। इसी कड़ी में फिल्म अभिनेताओं के बाद आईएएस श्याम सिंह राजपुरोहित ने नवा-ए-कोरोना के नाम से अपनी रचना लिखी है। इस रचना की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से कोरोना वायरस पर केन्द्रित है। इसमें इस खतरनाक वायरस के प्रति सचेत करते हुए इससे बचने के लिए घर पर ही रहने की अपील की गई है। इस रचना में पंक्तियों के पहले अक्षरों को मिला देंवे तो पूरा अक्षर कोरोना वायरस बनता है।
आपको बता दें कि आईएएस अधिकारी श्याम सिंह राजपुरोहित अभी राज्य निर्वाचन आयोग में मुख्यनिर्वाचन अधिकारी के पद पर हैं। राजपुरोहित मूलत: जोधपुर के रहने वाले हैं। बीकॉम पूरा करने के बाद उन्होंने कला संकाय में स्नातकोत्तर किया। 1985 में रीपा में अंडर ट्रेनिंग रहने के बाद पुरोहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अब तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजपुरोहित की रचना कुछ इस प्रकार है।
नवा – ए – कोरोना
” कोना कोना शहर का अब वीरान नजर आता है,
हर गली कूचा और बाजार सुना नजर आता है।
रोज रहा करता था गुलजार जो हंसी ठहाकों से,
वही चौराहा अब तो शमशान नजर आता है।
नादान लोगों की हरकतों को भुगतने को मजबूर,
सीधा साधा आदमी बेवजह हलकान नजर आता है।
वाकई यह कोई बीमारी ही है,
ऐसा लगता नहीं या रब यह तो इंसानी कथाओं का तावान नजर आता है।
यकीन करने के लिए मौजूद है वजूहात काफी,
यह आलमी में वबा सब मर्जों का सुलतान नजर आता है।
रहने को बनाया था जिस बड़ी जद्दोजहद से,
रहते हुए उसी घर में कोई परेशान नजर आता है।
सब महफूज है रहे जब तक की घर ही मेंअपने,
जिंदा रहने की को यही एक इम्तिहान नजर आता है।