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राजस्थान में कैसे हो काम, दिल्ली चले गऐ आइएएस अफसर

locationजयपुरPublished: Nov 13, 2019 04:05:03 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

आइएएस अफसरों का टोटा, 11 माह में 6 गए दिल्ली, महत्त्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में भी दिखने लगा असर

IAS

राजस्थान में कैसे हो काम, दिल्ली चले गऐ आइएएस अफसर

पुनीत शर्मा / जयपुर. केंद्र में प्रतिनियुक्ति लेने और एक के बाद एक सेवानिवृत्ति के कारण प्रदेश में इन दिनों आइएएस अफसरों की कमी साफ नजर आने लगी है।
इसका असर सरकार की महत्त्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में भी दिखने लगा है। वहीं 15 से ज्यादा विभाग अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहे हैं।
उच्च स्तर पर प्रशासनिक अफसरों की यह कमी इस साल के बाद ही पूरी हो सकेगी। बीते 11 महीने में राजस्थान से छह सीनियर आइएएस अफसर प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली के लिए रवानगी ले चुके हैं। अफसरों के दिल्ली जाने और हर महीने आइएएस अफसरों के सेवानिवृत्त होने के कारण राजस्थान में शीर्ष स्तर पर अफसरों का टोटा हो गया है। इससे सरकार के समक्ष प्रदेश के विकास के लिए नीति बनाने, योजनाओं और बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने का ही संकट खड़ा हो गया है।
आइएएस…
अतिरिक्त प्रभार के भरोसे
– एसीएस गृह राजीव स्वरूप : प्रमुख सचिव विधि विभाग व अध्यक्ष राजस्थान बस पोर्ट
– एसीएस उद्योग विभाग सुबोध अग्रवाल : अध्यक्ष हैंडलूम कॉर्पोरेशन
– प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग अखिल अरोड़ा : आयुक्त विशेष योग्यजन, अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण आयोग
– प्रमुख सचिव पर्यटन, कला संस्कृति, वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा : मुख्य कार्यकारी अधिकारी आमेर विकास प्राधिकरण, अध्यक्ष राजस्थान पर्यटन विकास निगम
– आयुक्त कृषि नरेशपाल गंगवार : प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग
– प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग भास्कर सावंत : सचिव खेल एवं युवा मामले, अध्यक्ष स्पोट्र्स कौंसिल, सीएमडी जयपुर मेट्रो, अध्यक्ष आवासन मंडल
– सचिव एवं आयुक्त परिवहन विभाग राजेश यादव : सचिव राजस्थान राज्य बसपोर्ट
– सचिव जल संसाधन विभाग नवीन महाजन : अध्यक्ष इंदिरा गांधी नहर मंडल व सचिव सीएडी
– सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया : सचिव जयपुर लाइट हाउस जेडीए प्रोजेक्ट
– सचिव श्रम व रोजगार नवीन जैन : अध्यक्ष स्किल डवलमपेंट कॉर्पोरेशन
– सचिव खाद्य-नागरिक आपूर्ति विभाग सिद्धार्थ महाजन : आयुक्त सिविल डिफेंस व सचिव आपदा प्रबंधन विभाग
– आयुक्त कॉलेज शिक्षा प्रदीप कुमार बोरड़ : विशिष्ट सचिव संस्कृत शिक्षा व आयुक्त स्कूल शिक्षा
– संयुक्त सचिव मुख्यमंत्री राजन विशाल : मैनेजिंग डायरेक्टर राजस्थान पावर पर्चेज कॉर्पोरेशन
इन्होंने चुनी दिल्ली की राह

सबसे पहले आइएएस अधिकारी रजतकुमार मिश्र दिल्ली चले गए। उसके बाद राज्यपाल के सचिव रहे देवाशीष पृष्टि और रोहित गुप्ता स्टडी लीव पर चले गए। फिर रोहित कुमार भी ग्रामीण विकास मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर चले गए। अब तन्मय कुमार, सांवरमल वर्मा और राजस्व जैसे अहम विभाग की कमान संभाल रहे संजय मल्होत्रा को दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर जाने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा बीते 11 महीने में 8 अफसर सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
14 अफसर केन्द्र में फिर भी कोटा पूरा नहीं

कैडर स्ट्रेंथ के हिसाब से अधिकारी केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाते हैं। राजस्थान कैडर के 14 अफसर प्रतिनियुक्ति पर हैं तथा दो अफसर और जा रहे हैं। फिर भी केन्द्र सरकार और अफसर मांग रही है।
कब होगा कैडर पूरा

राजस्थान में आइएएस की कैडर स्टे्रंथ 313 है। मौजूदा समय में 247 आइएएस अधिकारी हैं। अगर 2014 से देखें तो अब प्रतिवर्ष राज्य को 8 से 10 आइएएस अधिकारी मिल रहे हैं। इस हिसाब से कैडर पूरा होने में करीब 5 साल से ज्यादा लगेंगे।

एक्सपर्ट कमेंट

सरकार बदलते ही कई अफसर प्रतिनियुक्ति की अनुमति मांगते हैं और जाते भी हैं। ऐसा वे करते हैं, जिनका सरकार से तालमेल नहीं बैठता। ऐसे में पद रिक्त हो जाते हैं और विभाग अतिरिक्त प्रभार से चलते हैं। चार्ज वाले विभाग को अफसर से वह इनपुट नहीं मिल पाता, जो मिलना चाहिए। अधिकारी उस विभाग को सिर्फ रुटीन कामकाज के हिसाब से देखते हैं। शीर्ष स्तर पर अफसरों की कमी हो तो सरकार की योजनाएं पूरी होने की रफ्तार भी धीमी हो जाती है।
अशोक जैन, पूर्व मुख्य सचिव

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