scriptबैलेंस्ड फंड कैटेगरी में आईप्रूका बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न | ICICI Prudential's Balanced Advantage Fund beats Nifty | Patrika News

बैलेंस्ड फंड कैटेगरी में आईप्रूका बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न

locationजयपुरPublished: Sep 29, 2019 12:07:59 am

Submitted by:

Narendra

मुंबई। म्यूचुअल फंड ( mutual funds ) निवेशकों के बीच पिछले कुछ समय में बैलेंस्ड एडवांटेज कटेगरी एक लोकप्रिय निवेश के उत्पाद के रूप में उभरा है। इसका कारण यह है कि बैलेंस्ड फंड में यह क्षमता होती है कि वे बाजार के मूल्यांकन के आधार पर इक्विटी और डेट में सभी चक्रों में निवेश ( investment ) करते हैं। इसी वजह से आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ( icici prudential ) म्यूचुअल फंड के बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने रिटर्न के मामले में निफ्टी को पीछे छोड़ दिया है।

बैलेंस्ड फंड कैटेगरी में आईप्रूका बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न

बैलेंस्ड फंड कैटेगरी में आईप्रूका बेंचमार्क से ज्यादा रिटर्न

अर्थलाभ डॉट कॉम द्वारा जुटाए गए 25 सितंबर 2019 तक के आंकड़ों के मुताबिक आईप्रूबैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने एक साल में 9.23 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि 5 साल में 8.40 फीसदी और 10 साल में 11.60 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि इस कैटेगरी ने इसी अवधि में 6.85 फीसदी, 7.65 फीसदी और 10.19 फीसदी तथा निफ्टी 50 टीआरआई बेंचमार्क ने 4.7 फीसदी, 9.01 और 10.05 फीसदी का रिटर्न दिया है। इस तरह से देखें तो बेंचमार्क और कैटेगरी दोनों के रिटर्न को इस फंड ने पीछे छोड़ दिया है।
पिछले साल अगस्त से सितंबर के दौरान जब बाजार ऊपर की ओर था, तब इस फंड ने इक्विटी में अपना निवेश कम कर 30 फीसदी कर दिया था, जो सेबी द्वारा निर्धारित इक्विटी में सबसे कम अलोकेशन का स्तर था, लेकिन जब बाजार में गिरावट दिखी तो इस फंड ने इक्विटी में अपना अलोकेशन बढ़ा दिया। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड लगातार इस कैटेगरी में बेहतर प्रदर्शन करता रहा है। यह फंड न केवल निवेशकों को उनके निवेश में मदद करता है, बल्कि जब बाजार नीचे होता है तो उन्हें सुरक्षित भी रखता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का औसत नेट इक्विटी एक्सपोजर 47 फीसदी रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि यह फंड असेट क्लास में निवेश को लेकर काफी आकर्षक रणनीति अपनाता है। आंकड़े बताते हैं कि बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में यह अग्रणी फंड है और यह फंड इन हाउस असेट अलोकेशन मॉडल को अपनाता है, जिसके तहत जब इक्विटी का मूल्यांकन ऊंचा हो तो निवेश कम कर देता है तथा डेट में निवेश बढ़ा देता है, लेकिन जब बाजार का मूल्यांकन कम हो तो डेट में निवेश कम कर इक्विटी में निवेश बढ़ा देता है।
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