आमेर महल देखने के लिए सालाना लाखों पर्यटक आते हैं। लेकिन पर्यटकों की संख्या को देखते हुए आमेर में फिलहाल ज्यादा सुविधाएं नहीं है। अतिक्रमण के चलते बाजारों की गलियां तंग हो गई है। पर्यटक वाहन ही बड़ी मुश्किल से निकल पाते हैं। इसके अलावा आमेर में ऐसे होटल या रिसोर्ट नहीं हैं, जहां पर पर्यटक रात बिता सकें। आमेर आने वाले सैलानी रात में भी यहीं रुकना चाहते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
आमेर में वाहनों की पार्किंग भी बड़ी समस्या है। पार्किंग की कमी के कारण पीक सीजन में तो लम्बा जाम लग जाता है। पर्यटकों के लिए मेडिकल फेसिलिटी, क्वालिटी फूड और साफ-सफाई की कमी है। अभी आमेर आने वाले पर्यटकों के लिए लपके भी बड़ी समस्या है। आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट में इनका समाधान होने से पर्यटक यहां ज्यादा वक्त तक रूकेंगे।
केन्द्र सरकार ने आमेर को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री केजे अल्फोंस और केन्द्रीय पर्यटन सचिव रश्मि वर्मा जयपुर आकर प्रदेश के अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। केन्द्रीय पर्यटन सचिव आमेर का दौरा कर चुकी हैं। अब केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की टीम आमेर का दौरा करेगी। केन्द्रीय टीम आमेर की प्राचीन स्थापत्यकला और यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेगी। इसके बाद आइकॉनिक आमेर प्रोजेक्ट की रूपरेखा तय की जाएगी।
जयपुर प्रदेश का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल है। वर्ष 2017 में 17 लाख से ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए जयपुर आए थे। गुलाबी नगर आने वाले करीब-करीब सभी सैलानी आमेर महल देखने जरूर जाते हैं। बीते साल भी 14 लाख से ज्यादा सैलानियों ने आमेर का भ्रमण किया। पर्यटकों के मामले में आमेर देश के टॉप मॉन्यूमेंट्स में आता है। इसलिए केन्द्र सरकार ने आइकॉनिक प्रोजेक्ट के लिए आमेर को चुना है। जयपुर गोल्डन ट्रांयगल का हिस्सा होने के कारण हमेशा से ही देसी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है।