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जांच मेंं फर्जी पाए गए तो हटेंगे नौकरी से

locationजयपुरPublished: Jun 14, 2018 08:42:43 pm

Submitted by:

Jitendra Rangey

कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 नियुक्ति का मामला

indira gandhi panchayati raaj

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जयपुर। 2013 में फर्जी डिग्री एवं डिप्लोमा से नियुक्त हुए कनिष्ठ लिपिको के दस्तावेजोंं की वापस से पंचायती राज विभाग की ओर से गहन जांच होगी। जांच में फर्जी पाए गए कार्मिको को विधिक प्रक्रिया अपनाकर एक माह में सेवा से पृथक कर दिया जाएगा। इसको लेकर बुधवार को शासन सचिव एवं आयुक्त पंचायतीराज विभाग ने राज्य की जिला परिषदों के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों निर्देश दिया है कि कनिष्ठ लिपिक भर्ती 2013 में नियुक्ति पाए अभ्यार्थियों के दस्तावेजों का वह पुनरीक्षण करेंगे तथा ऐसे अभ्यार्थियों को पूर्ण विधिक प्रक्रिया अपनाकर सेवा से पृथक करेंगे जिनकी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र विधि मान्य नहीं है। उल्लेखीय है कि इस संदर्भ में पत्रिका के 4 जून को ‘फर्जी दस्तावेज से नौकरी, कार्रवाई नहींÓ शीर्षक से प्रकाशित खबर मेंं प्रमुखता से बताया गया था कि पंचायती राज विभाग में 2013 में कनिष्ठ लिपिक भर्ती में अनेक कार्मिक फर्जी कम्प्यूटर डिग्री एवं डिप्लोमा के माध्यम से नियुक्त हो गए थे।
खबर से आठ माह बाद चेता विभाग
पंचायती राज विभाग के तत्कालीन शासन सचिव एवं आयुक्त ने 1 नवम्बर 2017 को आदेश जारी कर सर्वोच्य न्यायालय के निर्णय के बाद वर्ष 2013 की भर्ती में वंचित रहे अभ्यर्थियों को जब वर्ष 2017 में पुन: नियुक्ति देना प्रारम्भ किया गया तब यह मार्ग दर्शन तो दे दिया कि ऐसे अभ्यर्थी जिनकी ओर से चयन के लिए माखन लाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय एवं निजी विश्वविद्यालयों की ओर से राज्य की सीमाओं के बाहर के ऑफ कैम्पस स्टडी सेंटर से कम्प्यूटर योग्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्रों पर चयन के लिए विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन 2013 में ऐसे दस्तावेजों से नियुक्ति प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश पृथक से जारी किए जाएंगे कहकर विभाग ने इतिश्री कर ली। खबर छपने के बाद विभाग चेता और आठ माह बाद उसने निर्देश जारी कर फर्जी डिग्री एवं डिप्लोमा से नियुक्त कार्मिको को हटाने के निर्देश जारी किए है।
क्या है मामला
2013 में महानरेगा योजना में कार्यरत संविदा कार्मिको को नियमित नियुक्ति प्रदान करने के लिए पंचायती राज विभाग ने बोनस अंक देते हुए 19537 कनिष्ठ लिपिक पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। विभाग ने करीब 8700 पदों पर नियुक्तियां प्रदान की। कनिष्ठ लिपिक पद के लिए शैक्षणिक योग्यताओं के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से अधिकृत संस्थाओं से कम्प्यूटर डिग्री एवं डिप्लोमा होना आवश्यक था। भर्ती के समय हजारों अभ्यर्थियों ने जो कम्प्यूटर डिग्री एवं डिप्लोमा प्रस्तुत किए वो वह यूजीसी के मापदंडों के अनुरूप नहीं थे।

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