क्या था सारा मामला
दरअसल, 27 साल की ब्लॉगर सारा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें वे एलर्जी की दवाइयों का एक पैकेट दिखा रही थीं। एएसए ने इसी बात पर आपत्ति जताते हुए इसे अपने विज्ञापन नियमों का उल्लंघन माना। एएसए का कहना था कि इस पोस्ट को सारा ने स्पष्ट रूप से एक विज्ञापन के रूप में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया था जो कि स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों की भी अवहेलना है। दवा कंपनी ने अपनी पैरवी में सफाई दी की यह पोस्ट अधिकारिक था लेकिन एएसए ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि सारा कोई सेलिब्रिटी नहीं हैं।
उस समय तक सारा का अकाउंट 32 हजार फॉलोवर्स की संख्या पार कर गया था। दवा कंपनी ने डेविड बेकहम और ऐसे ही अन्य सेलिब्रिटीज के अकाउंट का हवाला देते हुए कहा कि इनके 5.5 करोड़ फॉलोवर्स की तुलना में भले ही सारा के फॉलोवर्स की संख्या थोड़ी हो लेकिन बावजूद इसके 32 हजार फॉलोवर्स का होना कोई आम बात नहीं है। इस पर एएसए ने अपना फैसला सुनाते हुए 30 हजार को सेकिलब्रिटी का दर्जा पाने के लिए आदर्श संख्या करार दिया। सारा के इंस्टा अकाउंट पर ऐसे करीब 1000 पोस्ट थीं। फैसले में एएसए ने इन्हें भी शामिल किया।