भूखंडधारी यदि निर्धारित समय में अवैध निर्माण हटा लेता है तो निर्माणकर्ता को शुल्क लौटा दिया जाएगा। तय अवधि में निर्माण नहीं हटाने पर संबंधित निकाय अपने स्तर पर अवैध निर्माण ध्वस्त करेगा और खर्च की वसूली निर्माणकर्ता से होगी। नीति को लेकर अफसरों की नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के साथ चर्चा हो चुकी है। जल्द ही इसके आदेश जारी होंगे। यह नीति सभी प्राधिकरण, न्यास व निकायों में लागू होगी।
निर्माण नहीं हटाया तो शुल्क जब्त, इस्तागासा होगा पेश
आवासीय, कॉमर्शियल, औद्योगिक, संस्थानिक उपयोग के अनुसार अलग-अलग शुल्क तय किया जा रहा है। यदि शुल्क जमा कराने और शपथ पत्र देने के बाद भी भूखंडधारी अवैध निर्माण नहीं हटाता है तो उसका जमा शुल्क जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही निर्माणकर्ता के खिलाफ निकाय इस्तगासा भी पेश करेगा।
अभी अफसरों को सील करने अधिकार, खोलने का नहीं
राजस्थान विधियां संशोधन अधिनियम 2021 के तहत निकायों को अवैध निर्माण सील करने का अधिकार तो दिया गया, लेकिन उसे खोलने का अधिकार नहीं दिया। इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार की सहमति या सरकार के प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व अनुमति से ही सील खोलने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यदि कोई अफसर अपने स्तर पर सील खोलने का निर्णय करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान है।
ये सभी पॉलिसी के दायरे में
-10 नगर निगम हैं प्रदेश में
-36 नगर परिषद अस्तित्व में
-192 नगर पालिका
-3 विकास प्राधिकरण
-17 नगर विकास न्यास
निर्माण नहीं हटाया तो शुल्क जब्त, इस्तागासा होगा पेश
आवासीय, कॉमर्शियल, औद्योगिक, संस्थानिक उपयोग के अनुसार अलग-अलग शुल्क तय किया जा रहा है। यदि शुल्क जमा कराने और शपथ पत्र देने के बाद भी भूखंडधारी अवैध निर्माण नहीं हटाता है तो उसका जमा शुल्क जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही निर्माणकर्ता के खिलाफ निकाय इस्तगासा भी पेश करेगा।
अभी अफसरों को सील करने अधिकार, खोलने का नहीं
राजस्थान विधियां संशोधन अधिनियम 2021 के तहत निकायों को अवैध निर्माण सील करने का अधिकार तो दिया गया, लेकिन उसे खोलने का अधिकार नहीं दिया। इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार की सहमति या सरकार के प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व अनुमति से ही सील खोलने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यदि कोई अफसर अपने स्तर पर सील खोलने का निर्णय करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान है।
ये सभी पॉलिसी के दायरे में
-10 नगर निगम हैं प्रदेश में
-36 नगर परिषद अस्तित्व में
-192 नगर पालिका
-3 विकास प्राधिकरण
-17 नगर विकास न्यास