डोटासरा ने सरकारी विद्यालयों से अघरेलू (नॉन डॉमेस्टिक) के बजाय घरेलू श्रेणी में बिजली का बिल वसूलने के फरवरी के आदेश की पालना कराने के लिए चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा है कि सरकारी स्कूलों से अधिक बिल की वसूली रुकवाई जाए और फरवरी से अब तक अधिक वसूली गई राशि को समायोजित कराया जाए। राजस्थान पत्रिका ने शनिवार को “बिजली कम्पनियों की गड़बड़ी: 40 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों से हो रही अवैध वसूली” शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इस समाचार के बाद ही डोटासरा ने आयोग को चिट्ठी भेजी है।
सक्रिय हुआ पूरा आयोग
डोटासरा की चिट्ठी व राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार के आधार पर आयोग के न्यायिक सदस्य पृथ्वीराज व सदस्य एस सी दिनकर ने इस मामले में दखल किया है। उन्होंने सचिव को बिजली कंपनियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब कर व स्पष्टीकरण मांगने व 15 दिन में आयोग के फरवरी के आदेश की पालना कराने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि आयोग अध्यक्ष श्रीमत पाण्डे भी सचिव को इस मामले में कार्रवाई शुरु करने का निर्देश दे चुके हैं।
डोटासरा की चिट्ठी व राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार के आधार पर आयोग के न्यायिक सदस्य पृथ्वीराज व सदस्य एस सी दिनकर ने इस मामले में दखल किया है। उन्होंने सचिव को बिजली कंपनियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब कर व स्पष्टीकरण मांगने व 15 दिन में आयोग के फरवरी के आदेश की पालना कराने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि आयोग अध्यक्ष श्रीमत पाण्डे भी सचिव को इस मामले में कार्रवाई शुरु करने का निर्देश दे चुके हैं।
डोटासरा ने कहा
आयोग ने 6 फरवरी में सरकारी स्कूलों से घरेलू श्रेणी का बिजली का बिल वसूलने का आदेश दिया, लेकिन तीनों बिजली कंपनियों ने अब तक इसकी पालना नहीं की है। आयोग आदेश की पालना करवाए और अब तक अधिक वसूली गई राशि को विद्यालयों के आगामी बिलों में समायोजित करवाए।
आयोग ने 6 फरवरी में सरकारी स्कूलों से घरेलू श्रेणी का बिजली का बिल वसूलने का आदेश दिया, लेकिन तीनों बिजली कंपनियों ने अब तक इसकी पालना नहीं की है। आयोग आदेश की पालना करवाए और अब तक अधिक वसूली गई राशि को विद्यालयों के आगामी बिलों में समायोजित करवाए।
-सरकारी स्कूलों को घरेलू श्रेणी में मानते हुए फरवरी में आदेश जारी गए थे। डिस्कॉम्स को पालना करने के लिए कहा जा रहा है। -श्रीमत पाण्डे, अध्यक्ष, राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग