ऐसे घिरेगी सरकार !
विधानसभा सचिव को अब तक मिले प्रश्नों में 29 प्रश्न खान विभाग के हैं। इनमें भी ज़्यादातर विधायकों के सवाल सुप्रीम कोर्ट और सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए जारी अवैध खनन के सम्बन्ध में हैं। इससे ज़ाहिर है कि विधायक सदन में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के मूड में हैं।
विधानसभा सचिव को अब तक मिले प्रश्नों में 29 प्रश्न खान विभाग के हैं। इनमें भी ज़्यादातर विधायकों के सवाल सुप्रीम कोर्ट और सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए जारी अवैध खनन के सम्बन्ध में हैं। इससे ज़ाहिर है कि विधायक सदन में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के मूड में हैं।
ये उठाएंगे मुद्दा
खान व खनन विभाग से सम्बंधित प्रश्नों पर सरकार, विपक्ष के निशाने पर रहने वाली है। जिन विधायकों ने इस विभाग से जुड़े प्रश्न लगाए हैं उनमें भाजपा के कुछ ऐसे वरिष्ठ विधायक हैं जो अपने आक्रामक अंदाज़ से सरकार पर हमलावर रह सकते हैं। इनमें विधायक किरण माहेश्वरी, रामलाल शर्मा, अनीता भदेल, चन्द्रकान्ता मेघवाल, संदीप शर्मा और सुमित गोदारा शामिल हैं।
खान व खनन विभाग से सम्बंधित प्रश्नों पर सरकार, विपक्ष के निशाने पर रहने वाली है। जिन विधायकों ने इस विभाग से जुड़े प्रश्न लगाए हैं उनमें भाजपा के कुछ ऐसे वरिष्ठ विधायक हैं जो अपने आक्रामक अंदाज़ से सरकार पर हमलावर रह सकते हैं। इनमें विधायक किरण माहेश्वरी, रामलाल शर्मा, अनीता भदेल, चन्द्रकान्ता मेघवाल, संदीप शर्मा और सुमित गोदारा शामिल हैं।
सदन के हमेशा गर्माया रहा है मुद्दा
प्रदेश में अवैध खनन के मुद्दे हमेशा ही हंगामे की वजह बने हैं। पूर्व में भाजपा कार्यकाल के दौरान भी इन मुद्दों पर सरकार को विपक्ष में रहे कांग्रेस व अन्य विरोधी दलों के नेताओं के तीखे सवालों का सामना करना पडा था। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर कई बार गतिरोध बना। सदन की कार्यवाही बाधित रही। अब कटघरे में गहलोत सरकार है जिसे इन सवालों का सामना करना होगा।
प्रदेश में अवैध खनन के मुद्दे हमेशा ही हंगामे की वजह बने हैं। पूर्व में भाजपा कार्यकाल के दौरान भी इन मुद्दों पर सरकार को विपक्ष में रहे कांग्रेस व अन्य विरोधी दलों के नेताओं के तीखे सवालों का सामना करना पडा था। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर कई बार गतिरोध बना। सदन की कार्यवाही बाधित रही। अब कटघरे में गहलोत सरकार है जिसे इन सवालों का सामना करना होगा।
सदन के बाहर भी निशाने पर रही है सरकार
अवैध खनन को लेकर सरकार सदन के अन्दर और बाहर निशाने पर रही है। सरकार चाहे किसी भी दल की रही हो, खान और खनन को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में हुई गहलोत गुट की बाडेबंदी के दौरान भी सरकार पर खनन माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगे। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस विधायकों के जैसलमेर शिफ्ट किये जाने को चर्चित बजरी कारोबारी से जोड़ते हुए आरोप लगाए। होटल को बजरी कारोबारी का बताते हुए दिलावर ने कई आरोप लगाए थे।
अवैध खनन को लेकर सरकार सदन के अन्दर और बाहर निशाने पर रही है। सरकार चाहे किसी भी दल की रही हो, खान और खनन को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में हुई गहलोत गुट की बाडेबंदी के दौरान भी सरकार पर खनन माफियाओं से मिलीभगत के आरोप लगे। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस विधायकों के जैसलमेर शिफ्ट किये जाने को चर्चित बजरी कारोबारी से जोड़ते हुए आरोप लगाए। होटल को बजरी कारोबारी का बताते हुए दिलावर ने कई आरोप लगाए थे।
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जारी बजरी खनन
सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा रखी है, लेकिन फिर बजरी का अवैध खनन और कारोबार धड़ल्ले से जारी है। बजरी माफियाओं के आतंक की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बजरी के इस खेल के चलते पिछले छह साल से बजरी की कीमतें असमान छूने लगी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन पर रोक लगा रखी है, लेकिन फिर बजरी का अवैध खनन और कारोबार धड़ल्ले से जारी है। बजरी माफियाओं के आतंक की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बजरी के इस खेल के चलते पिछले छह साल से बजरी की कीमतें असमान छूने लगी हैं।