जयपुर

जयपुर में इस शख्स ने दो दर्जन से अधिक मोबाइल फेंक, कमाए डेढ़ लाख से अधिक रुपए

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जयपुरDec 15, 2018 / 04:24 pm

pushpendra shekhawat

जयपुर में इस शख्स ने दो दर्जन से अधिक मोबाइल फेंक, कमाए डेढ़ लाख से अधिक रुपए

धीरेन्द्र भट्टाचार्य / जयपुर। जयपुर सेंट्रल के आबादी क्षेत्र से घिरे होने से बदमाशों की भी पौ-बारह हो गई है। आबादी की आड़ में बदमाशों ने जेल परिसर में मोबाइल फेंकने का धंधा ही बना लिया है। इस मामले में मोटी कमाई के चलते बाकायदा गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जिसमें सजायाप्ता कैदी से लेकर जेलकर्मी भी शामिल है। यह खुलासा जेल परिसर में मोबाइल के पैकेट फेंकने के मामले में मानसरोवर थाना पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर बदमाश ने किया है।
 

गिरफ्तार आरोपी ने छह माह के भीतर ही जेल में दो दर्जन मोबाइल फेंक कर करीब डेढ़ लाख रुपए कमने की बात कबूल की है। इस मामले में पुलिस ने जेल प्रशासन को भी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल परिसर में ज्यादातर मोबाइल के पैकेट सुबह-सुबह कैदियों के नित्यकर्म के लिए बैरक से बाहर निकाले जाने के दौरान फेंके जाते हैं और परिसर में कैदियों की भीड़ की आड़ में पैकेट को गिरोह से जुड़े कैदी के बैरक तक पहुंचा दिया जाता है।
 

हजार रुपए का मोबाइल, मिलते हैं पांच हजार

मानसरोवर थाना पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी हाल मुहाना और मूलत: कोटा निवासी श्याम उर्फ शिवा खत्री ने बताया कि वह जुलाई में जमानत पर जयपुर सेंट्रल जेल से बाहर आया था। जेल में रहने के दौरान ही उसने सजायाप्ता कैदियों से मोबाइल मुहैया करवाने का ठेका ले लिया था। इसके चलते उसने पिछले छह माह में ही जेल परिसर में हजार- हजार रुपए की कीमत के 24 मोबाइल फेंकने की बात कबूल की है। एक मोबाइल की एवज में उसने जेल से बाहर संबंधित कैदियों के गुर्गों से पांच हजार रुपए वसूले हैं। इसमें जेल परिसर में सामग्री फेंकने के मामले में प्रत्येक मोबाइल के बदले दो हजार रुपए का अतिरिक्त चार्ज भी लिया जाता है।
 

कैदी लाला ने लिए सबसे ज्यादा मोबाइल

पूछतछ में शिवा ने पुलिस को बताया कि उसने समय-समय पर मोबाइल के पैकेट जेल के पूर्वी-दक्षिणी छोर पर स्थित आबादी क्षेत्र से सुबह छह से सात बजे के बीच जेल परिसर में फेंके। उक्त समय में जेल में कैदियों को नित्यकर्म निपटाने के लिए बैरक से बाहर निकाला जाता है। इसी दौरन कैदियों की भीड़ की आड़ में शिवा के गिरोह से जुड़े कैदी और जेलकर्मी मोबाइल का पैकेट लेकर बैरक के अंदर ले जाने में सफल हो जाते हैं। शिवा ने ज्यादातर मोबाइल के पैकेट आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी लाला के लिए फेंकना कबूल किया है।
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