रास्ते में कई थाने व चौकी
बनास नदी से निकलते ही हाइवे पर कई पुलिस थाने व चौकियां हैं। रास्ते में परिवहन व खनिज विभाग की टीमें भी होती है। इसके बावजूद धड़ल्ले से बजरी का परिवहन होता है। बनास नदी से मलारना थाना, बौंली थाना, आरएसी पुलिस का नाका, मण्डावरी थाने की बगड़ी चौकी, मण्डावरी पुलिस थाना, लालसोट, रामगढ़ पचवारा, नांगलराजावतान, सदर व कोतवाली थाने के इलाके दौसा तक बीच में पड़ते हैं। वहीं नेशनल हाइवे २१ पर पुलिस चौकी सहित आधा दर्जन थाने है। अलवर जिले की खेड़ली थाने की चौकी, भरतपुर थाने की पुलिस मिलती है।
बनास नदी से निकलते ही हाइवे पर कई पुलिस थाने व चौकियां हैं। रास्ते में परिवहन व खनिज विभाग की टीमें भी होती है। इसके बावजूद धड़ल्ले से बजरी का परिवहन होता है। बनास नदी से मलारना थाना, बौंली थाना, आरएसी पुलिस का नाका, मण्डावरी थाने की बगड़ी चौकी, मण्डावरी पुलिस थाना, लालसोट, रामगढ़ पचवारा, नांगलराजावतान, सदर व कोतवाली थाने के इलाके दौसा तक बीच में पड़ते हैं। वहीं नेशनल हाइवे २१ पर पुलिस चौकी सहित आधा दर्जन थाने है। अलवर जिले की खेड़ली थाने की चौकी, भरतपुर थाने की पुलिस मिलती है।
लग्जरी कारों में चलते हैं बजरी माफिया
सूत्रों के अनुसार बजरी से भरे वाहनों के आगे अवैध कारोबार से जुड़े लोग लग्जरी कारों में चलते हैं। संयुक्त जांच टीम, बड़े नेता या अधिकारी आने पर बजरी माफियाओं को पहले ही पता लग जाता है।
सूत्रों के अनुसार बजरी से भरे वाहनों के आगे अवैध कारोबार से जुड़े लोग लग्जरी कारों में चलते हैं। संयुक्त जांच टीम, बड़े नेता या अधिकारी आने पर बजरी माफियाओं को पहले ही पता लग जाता है।
एंट्री का है खेल
बजरी का परिवहन करने वालों ने बताया कि सवाईमाधोपुर इलाके में जहां से बजरी निकलती है, वहीं से ‘एंट्री का खेल शुरू हो जाता है। टै्रक्टर-ट्रॉलियों से बनास नदी से महुवा तक बजरी का परिवहन होता है। वहीं मथुरा व दिल्ली तक बजरी का परिवहन ट्रेलर व डम्परों से होता है। सूत्रों के अनुसार प्रति ट्रैक्टर ५०० व ट्रेलर से ३ से ५ हजार के बीच ‘एंट्री अवैध रूप से वसूली जाती है। ऐसे में नदी से १ हजार में भरी जाने वाली बजरी दौसा पहुंचते-पहुंचते ७-८ हजार की हो जाती है।
बजरी का परिवहन करने वालों ने बताया कि सवाईमाधोपुर इलाके में जहां से बजरी निकलती है, वहीं से ‘एंट्री का खेल शुरू हो जाता है। टै्रक्टर-ट्रॉलियों से बनास नदी से महुवा तक बजरी का परिवहन होता है। वहीं मथुरा व दिल्ली तक बजरी का परिवहन ट्रेलर व डम्परों से होता है। सूत्रों के अनुसार प्रति ट्रैक्टर ५०० व ट्रेलर से ३ से ५ हजार के बीच ‘एंट्री अवैध रूप से वसूली जाती है। ऐसे में नदी से १ हजार में भरी जाने वाली बजरी दौसा पहुंचते-पहुंचते ७-८ हजार की हो जाती है।
निरंतर कार्रवाई
बजरी से भरे ओवरलोड जो वाहन मिलते हैं, उनको पकड़कर मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।
अनिल सिंह चौहान, एएसपी, दौसा बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन के खिलाफ विभाग समय-समय पर अभियान चला कर कार्रवाई करता है। अभी भी निरन्तर कार्रवाई की जा रही है।
– पिंकराव सिंह, सहायक अभियंता खनिज विभाग दौसा
बजरी से भरे ओवरलोड जो वाहन मिलते हैं, उनको पकड़कर मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई की जाती है।
अनिल सिंह चौहान, एएसपी, दौसा बजरी के अवैध खनन एवं परिवहन के खिलाफ विभाग समय-समय पर अभियान चला कर कार्रवाई करता है। अभी भी निरन्तर कार्रवाई की जा रही है।
– पिंकराव सिंह, सहायक अभियंता खनिज विभाग दौसा
अब अवैध बजरी परिवहन में लगी शिक्षकों की ड्यूटी, आदेश निरस्त
जयपुर. कोरोनाकाल में शिक्षकों की ड्यूटी लगातार विवाद का विषय बनती जा रही है। भीलवाड़ा के जहाजपुर में बुधवार को उपखण्ड अधिकारी द्वारा कोरोना का नाम लेकर शिक्षकों की ड्यूटी अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने संज्ञान लिया। डोटासरा ने संबंधित अधिकारी से जवाब तलब के साथ आदेश को निरस्त कराया। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से शिक्षकों की ड्यूटी के संबंध में स्पष्ट आदेश निकाले जाने की मांग की है।
जयपुर. कोरोनाकाल में शिक्षकों की ड्यूटी लगातार विवाद का विषय बनती जा रही है। भीलवाड़ा के जहाजपुर में बुधवार को उपखण्ड अधिकारी द्वारा कोरोना का नाम लेकर शिक्षकों की ड्यूटी अवैध बजरी परिवहन रोकने में लगाने के विवादित आदेश के सामने आने के बाद शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने संज्ञान लिया। डोटासरा ने संबंधित अधिकारी से जवाब तलब के साथ आदेश को निरस्त कराया। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री से शिक्षकों की ड्यूटी के संबंध में स्पष्ट आदेश निकाले जाने की मांग की है।