scriptपामतेल, पामोलीन के आयात छूट, अखाद्य तेल हुए तेज | Import exemption of palm oil, palmolein, non-edible oil intensified | Patrika News

पामतेल, पामोलीन के आयात छूट, अखाद्य तेल हुए तेज

locationजयपुरPublished: Jul 13, 2021 09:25:42 am

रिफाइंड पामतेल ( refined palm oil ) और पामोलीन के मुक्त आयात को अनुमति देने के फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। इनके आयात में दी गई छूट का अखाद्य तेलों (non-edible oils) पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। सरकार के फैसले के बाद से अब तक इनके दामों में पांच रुपए प्रति किलो से भी अधिक तेजी आ गई है, जिसका साबुन उद्योग ( soap manufacture ) पर विपरीत असर पड़ रहा है।

पामतेल, पामोलीन के आयात छूट, अखाद्य तेल हुए तेज

पामतेल, पामोलीन के आयात छूट, अखाद्य तेल हुए तेज

जयपुर। रिफाइंड पामतेल और पामोलीन के मुक्त आयात को अनुमति देने के फैसले पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। इनके आयात में दी गई छूट का अखाद्य तेलों (नॉन एडिबल ऑयल) पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। सरकार के फैसले के बाद से अब तक इनके दामों में पांच रुपए प्रति किलो से भी अधिक तेजी आ गई है, जिसका साबुन उद्योग पर विपरीत असर पड़ रहा है।
अखाद्य तेलों में तेजी से लुब्रिकेंट, पेंट, साबुन और डिटर्जेंट निर्माताओं का कारोबार प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि आरबीडी पाम तेल और आरबीडी पामोलिन आयात को फिर से आयात की ‘प्रतिबंधितÓ श्रेणी में रखा जाना चाहिए। अखाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से प्रदेश की 250 से ज्यादा साबुन बनाने की इकाइयां बंद हो चुकी हैं और 15 हजार लोग बेरोजगार हो चुके है और आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
अखाद्य तेल के कोराबारी पूरणमल अग्रवाल का कहना है कि नॉन एडिबल ऑयल की कीमत नौ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। कोरोना महामारी के चलते हैंड वॉश और साबुन का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे ऑयल की मांग में इजाफा हुआ है।
राजस्थान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के सचिव अरुण अग्रवाल का कहना है कि आयात में दी गई छूट का अखाद्य तेलों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। सरकार के फैसले के बाद से इनके दामों में लगातार तेजी का रूख बना हुआ है, जिससे लुब्रिकेंट, पेंट, साबुन और डिटर्जेंट निर्माताओं का कारोबार प्रभावित हो रहा है।
कबीरा तेल की नकल करने वालों पर कार्रवाई
मणिशंकर ऑयल्स के ब्रांड कबीरा तेल से मिलते-जुलते नाम का प्रयोग कर नकली उत्पादन बाजार में बेचने वाली एसवीएम इंडस्ट्रीज पर कड़ी कार्रवाई की गई है। जयपुर नयायालय द्वारा गठित एक कमेटी एसवीएम के पास मौजूद माल एवं पैकेजिंग मैटेरियल के स्टॉक को नष्ट करेगी। मणिशंकर ऑयल के निदेशक मनोज मुरारका ने बताया कि इस फैसले से किसी ब्रांड का गलत उपयोग करने वालों पर अंकुश लगेगा।
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