ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव Annakut Festival मनाने की परंपरा है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन अन्नकूट पर्व मनाने से जहां आरोग्य की प्राप्ति होती है वहीं दरिद्रता का भी नाश होता है। इसमें भगवान के निमित्त छप्पन प्रकार के भोग और नैवेद्य बनाए जाते हैं। इससे सुख-समृद्धि आती है।
अन्नकूट पर्व में कुछ जगहों पर 56 प्रकार की सब्जियों को मिलाकर भोजन तैयार किया जाता है। इसे ही 56 भोग कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार मंदिरों में इस पर्व का आयोजन करनेवालों, 56 भोग बनानेवालों व इनके दर्शन करनेवालों पर मां अन्नपूर्णा की कृ्पा हमेशा बनी रहती है। ऐसे लोगों को कभी अन्न की कमी नहीं होती।
इस बार यह पर्व 15 नवंबर, रविवार यानि आज है। अन्नकूट उत्सव भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है और इस पर्व को भक्तिभाव से आनंदपूर्वक मनाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन किसी भी कारण से दुखी रहनेवाला सालभर दुखी ही रहता है इसलिए अन्नकूट पर्व के दिन हर हाल में प्रसन्न रहना चाहिए।