देश को आजादी दिलाने में भारत छोड़ो आंदोलन की विशेष भूमिका रही है। अगर उस वक़्त ये आंदोलन शुरू नहीं होता तो शायद आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते। 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज हुआ था। भारत छोड़ो आन्दोलन , द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 9 अगस्त 1942 को शुरू किया गया था। भारत छोड़ो आंदोलन को इस वर्ष 76 साल पूरे हो रहे हैं।
READ : राजस्थान गौरव यात्रा : CM राजे ने बांसवाड़ा प्रवास के तीसरे दिन घाटोल पहुंच की बड़ी घोषणा, देखें तस्वीरें क्या था भारत छोड़ो आंदोलन यह एक आन्दोलन था, जिसका लक्ष्य भारत से ब्रिटनी साम्राज्य को समाप्त करना था। यह आंदोलन महात्मा गांधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई अधिवेशन में शुरू किया गया था। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रसिद्ध काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह साल बाद 9 अगस्त सन 1942 को गांधीजी के आह्वान पर पूरे देश में एक साथ शुरू हुआ था। यह आंदोलन अंग्रेज साम्राज्य को भारत से बहार करने के लिए शुरू हुआ था,जो सफल भी हुआ।
8 अगस्त 1942 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नाम दिया गया था। हालांकि इसके तुरंत बाद गांधी जी को गिरफ़्तार कर लिया गया था लेकिन देश भर के युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फ़ोड़ की कार्रवाइयों के जरिए आंदोलन चलाते रहे। अंग्रेजों ने आंदोलन के प्रति भारतीयों पर काफ़ी सख्त रवैया अपनाया। लेकिन भारतीय भी डटे रहे, विद्रोह को दबाने में सरकार को साल भर से ज्यादा समय लग गया। लेकिन आख़िरकार कड़ी मुश्किलों के बाद अंग्रेजों ने भारत छोड़ा। 9 अगस्त यानि कल इसी आंदोलन की शुरूआत का दिन है। इस अवसर पर पूरा देश स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को भी याद किया जाएगा।