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RAMA EKADASHI 2020 पापों के प्रायश्चित का दिन, श्रीकृष्‍ण की कृपा पाने के लिए इस विधि से करें पूजा

locationजयपुरPublished: Nov 11, 2020 10:42:10 am

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deepak deewan

कार्तिक माह की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी पर व्रत रखकर श्रीकृष्‍ण की पूजा की जाती है। सुख—धन—संपत्ति के लिहाज से यह एकादशी बहुत शुभ मानी जाती है।

IMPORTANCE OF RAMA EKADASHI VRAT PUJA VIDHI RAMA EKADASHI

IMPORTANCE OF RAMA EKADASHI VRAT PUJA VIDHI RAMA EKADASHI

जयपुर. कार्तिक माह की कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी पर व्रत रखकर श्रीकृष्‍ण की पूजा की जाती है। सुख—धन—संपत्ति के लिहाज से यह एकादशी बहुत शुभ मानी जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि रमा एकादशी व्रत और पूजन सौभाग्‍यदायक होता है। पुराणों में बताया गया है कि इस एकादशी पर व्रत रखने से श्रीकृष्‍ण की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन तुलसी पूजन भी फलदायी होती है।
एकादशी पर स्नानादि के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद श्रीकृष्ण की धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प आदि से विधिवत पूजा करना चाहिए। भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री का भोग लगाएं। गीता पाठ जरूर करना चाहिए। शाम को फिर श्रीकृष्ण की पूजा करें और प्रसाद बांटें।
इस व्रत से घनघोर पाप से भी मुक्ति मिल जाती है. मान्‍यता है कि रमा एकादशी व्रत रखते हुए पूजन करके जाने—अनजाने में हुए सभी प्रकार पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं. पदम पुराण में कहा गया है कि इस व्रत के प्रभाव से ब्रहम हत्या जैैसे महापाप से भी मुक्ति मिलती है.
रमा एकादशी व्रत तिथि, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
रमा एकादशी तिथि – 11 नवंबर 2020
एकादशी तिथि प्रारंभ – 11 अक्टूबर 2020 को प्रातः 03 बजकर 32 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – 12 नवंबर 2020 को रात 12 बजकर 40 मिनट तक
पारण का समय – 12 नवंबर 2020 को प्रात: 06:42 बजे से 08:51 बजे तक
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