नर्सिंगकर्मियों का 17 महीने का वेतन बकाया, दो साल से लगा रहे चक्कर नर्स ग्रेड-द्वितीय पर कार्यरत टोंक जिले के आठ नर्सिंगकर्मियोंं का 17 महीने का वेतन बताया है। लगातार तीन दो साल तक प्रतिवेदन देने के बाद भी वेतन नहीं मिलने पर नर्सिंगकर्मियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। जिस पर न्यायालय ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, चिकित्सा निदेशक व अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक-प्रशासन से एक सप्ताह में जवाब मांगा है। रामचरण शर्मा सहित आठ नर्सिंगकर्मियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है जिसमें कहा है कि उनकी नियुक्ति नर्स भर्ती: 2015 के जरिए हुई थी। वे जिले में अपना कार्य सही तरीके से कर रहे हैं। लेकिन चिकित्सा विभाग ने जनवरी 2017 से 30 जून 2018 तक वेतन नहीं दिया। उनको कहा गया कि विभाग को इस अवधि का बजट नहीं मिला है। नर्सिंगकर्मियों ने बकाया वेतन के भुगतान के लिए चिकित्सा विभाग को प्रतिवेदन दिया। लेकिन फिर भी उन्हें बकाया वेतन नहीं दिया। विभाग ने कहा कि बकाया वेतन भुगतान करने के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता है जो कि विभाग के पास नहीं है। इस पर नर्सिंगकर्मियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। नर्सिंगकर्मियों के अधिवक्ता श्योजीराम शर्मा ने कहा कि वेतन रोकना मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है।इसकी वजह से कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी भी हो रही है। जिस पर न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने याचिका की प्रति सरकारी अधिवक्ता को दिलवाते हुए 12 जून तक जवाब देने के आदेश दिए।