Imran khan: क्या करेंगे इमरान… लग सकता है एक और फटका!
जयपुरPublished: Aug 29, 2019 10:46:53 am
Imran khan
Imran khan: क्या करेंगे इमरान… लग सकता है एक और फटका!
Imran khan: संकट में पाकिस्तान
बेलआउट पर आईएमएफ से झटके का डर
खतरे में पड़ सकता है 6 अरब डॉलर का पैकेज
जनता का होगा बुरा हाल, अब क्या करेंगे इमरान?
पाकिस्तान अब एक नई मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है… पाकिस्तान की सरकार आर्थिक मोर्चे पर नए संकटों को झेल रही है। उधर पाक पीएम इमरान खान का कश्मीर को लेकर हाथ पैर मारना बंद नहीं हो रहा है…मामला पकिस्तान के लिए जारी होने वाले राहत पैकेज का है… दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का राहत पैकेज देते वक्त पाक अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई कड़ी शर्तें रखीं, लेकिन फिलहाल इमरान सरकार किसी भी शर्त पर खरी उतरती दिखाई नहीं दे रही है। जानकारी के लिए बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कुछ दिन बाद ही बेलआउट पैकेज के लिए पहली बार समीक्षा करने जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत सी सख्त शर्तें रखी थीं, लेकिन इमरान सरकार किसी भी शर्त पर खरी उतरती नजर नहीं आ रही है। इसके साथ ही पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान का बजट घाटा देश के कुल घरेलू उत्पाद का 8.9 फीसदी(3.45 ट्रिलियन रुपए) तक पहुंच गया है। जबकि बीते साल यह 6.6 फीसदी था। यह इमरान खान सरकार की नाकामी का बड़ा सबूत है। एक पाक अखबार ने यह आशंका जताई कि पाक का मौजूदा वित्तीय वर्ष में बजट घाटा पिछले 8 वर्षों में सबसे ज्यादा है। इमरान सरकार की नाकामी का यह एक बड़ा सबूत है क्योंकि सरकार ने खुद बजट घाटा जीडीपी का 5.6 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य तय किया था। फिजूलखर्ची रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार अपना खर्च कम करने और राजस्व बढ़ाने में नाकाम रही है। जबकि आईएमएफ के तीन साल के बेलआउट कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान ने धीरे-धीरे अपना प्राथमिक घाटा कम करते हुए इसे सरप्लस में बदलने का वादा किया है। ऐसे में आईएमएफ का राहत पैकेज चुनौतीपूर्ण होगा। आपको ये भी बता दें एक तरफ पाकिस्तान सरकार का खर्च लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ उसकी आय (राजस्व) में गिरावट जारी है। पाकिस्तान ने जुलाई महीने में शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष में सरकारी राजस्व 40 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। यदि पाक सरकार इस तिमाही में आईएमएफ के लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाती है तो टैक्स बढ़ाने के लिए एक नया मिनी बजट लाना पड़ेगा ताकि आईएमएफ की समीक्षा में पास हुआ जा सके। यह असंभव लक्ष्य है। ऐसे में राजस्व लक्ष्य हासिल न कर पाने पर आईएमएफ का 6 अरब डॉलर का पैकेज खतरे में पड़ सकता है।