मूंग के किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया टोकन सिस्टम
जयपुरPublished: Nov 20, 2018 07:41:04 am
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मूंग के किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया टोकन सिस्टम
नहीं बिक रही मूंग, किसान परेशान
जयपुर
प्रदेश में टोकन सिस्टम अजमेर के किसानों के लिए जी का जंजाल बन गया है। नेफेड की ओर से तय की गई पांच दिन की टोकन अवधि से किसान परेशान हो रहे हैं। मोबाइल पर संदेश आने के बाद पटवारी से गिरदावरी प्रतिलिपि लेने में ही उनके पसीने छूट जा रहे हैं।
यह है मामला
पीसांगन कस्बे में स्थित कृषि मंडी में गत 22 अक्टूबर से नेफेड की ओर से मूंग खरीद केंद्र का शुभारंभ किया गया। खरीद केंद्र पर पीसांगन उपखंड के अलावा नसीराबाद केकड़ी सरवाड़ विजयनगर समेत अन्य क्षेत्रों के किसानों को मूंग तुलाई के लिए टोकन आवंटित किए जा रहे हैं। खरीद केंद्र प्रभारी ओमप्रकाश चौहान के अनुसार नेफेड की ओर से यहां के लिए रोजाना औसतन 50 टोकन जारी किए जा रहे हैं। किसानों को ई-मित्र केंद्र पर जाकर अपना पंजीयन करवाना होता है, तब नेफेड द्वारा ऑनलाइन टोकन जारी किया जाता है। ऑनलाइन टोकन जारी होने के 5 दिन की अवधि में संबंधित किसान को अपने मूंग की फसल की तुलाई कृषि मंडी जाकर खरीद केंद्र पर करवानी होती है।
यहां हो रही दिक्कत
किसान को मोबाइल पर टोकन जारी होने का ऑनलाइन संदेश आता है। उसके पश्चात किसान को संबंधित हल्का पटवारी से उसके मूंग की फसल की गिरदावरी की सत्यापित प्रतिलिपि प्राप्त करनी होती है। लेकिन इन दिनों चुनाव और पुष्कर मेला समेत अन्य सरकारी कार्यो में ड्यूटियों के फेर में पटवारी फंसे हुए हैं, ऐसे में तय समय में किसान को गिरदावरी नहीं मिल रही है। इन पेचीदगियों के दौरान किसान को एक-दो दिन बीत जाते हैं।
रोज 50 कूपन जारी, 15 की तुलाई
नेफेड रोजाना 50 कूपन जारी कर रहा है, वही मूंग खरीद केंद्र पर प्लेटफॉर्म छोटा होने व अतिरिक्त कांटा नहीं होने के चलते महज 15 किसान ही प्रतिदिन मूंग तुलवा पा रहे हैं और यहां औसतन रोजाना ढाई सौ से तीन सौ क्विंटल मूंग की तुलाई हो पा रही है।