यह पेमेंट को ब्लॉक करने और धन को फिर से पाने में मदद करता है। कपूर के मुताबिक, कई पीड़ितों को उनके पैसे वापस मिल गए हैं। हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत करने वाले कई पीड़ितों ने पाया कि कुछ समय बाद उनका पैसा उन्हें वापस कर दिया गया था। यहां समय का अत्यधिक महत्व है। घटना होने के साथ ही जितनी जल्दी उसकी रिपोर्टिंग होगी, पैसे वापस मिलने के चांस उतने ही अधिक रहेंगे।
राष्ट्रीय साइबर क्राइम ब्यूरो ने ऑनलाइन धोखधड़ी के मामलों को रोकने के लिए यह हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। जिस पर शिकायत करते ही आपको समाधान दिया जाएगा। इसके लिए ऑपरेटर को संबंधित व्यक्ति को पूरा ब्योरा बताना होगा। जिसके बाद कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक 60 फीसदी मामलों का तुरंत भी निवारण किया जा सकता है।
ऑनलाइन लेनदेन करते समय लोगों को साइबर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। लोग अपने बैंक के हर लेनदेन के बारे में नियमित रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। साथ ही, स्पैम मैसेज को हटाने की व्यवस्था की जा सकती है। रोकथाम एक ढाल है। केवाईसी, बिजली बिल आदि के बारे में किसी भी फर्जी मैसेज पर ध्यान न दें।