शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन के आस-पास सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस साल हर दूसरे दिन ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। जुलाई के मध्य तक ट्रेन की टक्कर से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अस्सी फीसदी युवा थे। शहर में सबसे ज्यादा हादसे गौरव टावर, जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते हैं।
शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन के आस-पास सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस साल हर दूसरे दिन ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। जुलाई के मध्य तक ट्रेन की टक्कर से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अस्सी फीसदी युवा थे। शहर में सबसे ज्यादा हादसे गौरव टावर, जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते हैं।
शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन के आस-पास सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस साल हर दूसरे दिन ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। जुलाई के मध्य तक ट्रेन की टक्कर से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अस्सी फीसदी युवा थे। शहर में सबसे ज्यादा हादसे गौरव टावर, जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते हैं।
शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन के आस-पास सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस साल हर दूसरे दिन ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। जुलाई के मध्य तक ट्रेन की टक्कर से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अस्सी फीसदी युवा थे। शहर में सबसे ज्यादा हादसे गौरव टावर, जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते हैं।
शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रही रेलवे लाइन के आस-पास सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से आए दिन हादसे हो रहे हैं। इस साल हर दूसरे दिन ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो रही है। जुलाई के मध्य तक ट्रेन की टक्कर से करीब सौ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अस्सी फीसदी युवा थे। शहर में सबसे ज्यादा हादसे गौरव टावर, जगतपुरा फाटक, इंडूणी फाटक, दादी का फाटक और गोनेर फाटक पर होते हैं।
हालांकि जहां पर रेलवे ने दीवार को दुरुस्त करा दिया है, वहां पर हादसों पर लगाम लग गई है। गांधी नगर स्टेशन व टोंक फाटक के आस-पास, सी-स्कीम व रोडवेज कार्यालय के आस-पास हादसों में कमी देखी गई है।