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Mustard oil: कोरोना काल में … तेल की उल्टी धार

locationजयपुरPublished: Jun 10, 2021 07:51:24 am

कोरोना काल ( Corona era ) में आम आदमी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पेट्रोल-डीजल ( petrol-diesel price ) की कीमतों के साथ खाने के तेल ( food oil ) की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 26 मई को एक लीटर सरसों तेल ( mustard oil ) का दाम 90 रुपए था। यह आज 200 रुपए के पार पहुंच गया है। बाजार में एक लीटर सरसों के तेल की बोतल की खुदरा कीमत 215 रुपए तक पहुंच गई है।

Mustard oil: कोरोना काल में ... तेल की उल्टी धार

Mustard oil: कोरोना काल में … तेल की उल्टी धार

जयपुर। कोरोना काल में आम आदमी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ खाने के तेल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 26 मई को एक लीटर सरसों तेल का दाम 90 रुपए था। यह आज 200 रुपए के पार पहुंच गया है। बाजार में एक लीटर सरसों के तेल की बोतल की खुदरा कीमत 215 रुपए तक पहुंच गई है।
सरसों विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल भी सरसों की फसल अच्छी थी, लेकिन लॉकडाउन से बाजार में सरसों की आवक कम हुई। इससे कीमतों में तेजी लगातार बनी रही। चूंकि सरसों का तेल एंटीबॉडी है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी खपत ज्यादा बढ़ी। इसके विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला पाम ऑयल है, लेकिन इसका इस्तेमाल बायोफ्यूल में शुरू किया गया। इसी तरह उत्पादक देशों में मौसम खराब होने से सनफ्लावर ऑयल में भी तेजी आई।
मिलावट रोकने के लिए बंद की खुले तेल की बिक्री
सरकार की ओर से खुला तेल बेचने पर रोक, पाम और सरसों ऑयल के मिलावट पर रोक से भी कीमतें बढ़ी। इस बार के लॉकडाउन में लोगों ने सरसों के तेल का बड़ी मात्रा में स्टोर किया। ऐसे में ग्राहकों को आगे भी महंगाई से राहत की उम्मीद कम ही है, क्योंकि वैश्विक मांग बढ़ रही है। दुनियाभर में रिफाइंड ऑयल की कीमतें बढ़ी हैं। इससे सरसों के तेल की खपत बढ़ गई। साथ ही सभी प्रकार के तेल के दाम बढ़े हैं, जिसका दबाव भी सरसों के तेल की कीमतों पर पड़ रहा है। यहीं नहीं भारत में भी मांग बढ़ी है, क्योंकि यहां लोगों ने लॉकडाउन की वजह से तेल स्टोर करना शुरू कर दिया।
सरसों की महंगाई से किसानों को फायदा
सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर हुआ। फिर भी किसानों को अच्छा फायदा मिला। एमएसपी 4650 रुपए प्रति क्विंटल है, लेकिन किसानों ने महीना भर पहले सरसों करीब 5000 रुपए में बेचा। ऐसे में मांग बढऩे का फायदा किसानों को भी हुआ। हालांकि, माहौल बनाया गया कि किसानों को पहली बार एमएसपी से ज्यादा पैसा मिला है।
महंगे सरसों तेल के पांच फैक्ट
1. सरसों के वैश्विक उत्पादन में गिरावट, कोरोना में मांग में जोरदार तेजी
2. घरेलू मांग में भी 20 से 25 फीसदी की तेजी आई, लेकिन लॉकडाउन से आपूर्ति कमजोर हुई
3. पाम और सोया तेल का बायो डीजल में उपयोग बढ़ा
4. वैश्विक बाजार में सोयामील की जोरदार मांग
5. इस बार चीन से भी मांग में जोरदार तेजी आई

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