केस 1 — ये जर्जर हो चुका भवन गोविंद रावजी का रास्ता पर बना है। निगम के हवा महल जोन पश्चिम में स्थित मकान नम्बर 5/6 को नगर निगम जानमाल के लिए खतरा घोषित कर चुका है। इन मकान की जर्जर हालत देखते हुए निगम ने नोटिस जारी कर इस मकान की खाली करने के आदेश दे दिए। साथ ही मकान के जर्जर हिस्से को ढहाने के लिए भी कहा। लेकिन ना तो मकान मालिक ने जर्जर हिस्से को ढहाया और ना ही नगर निगम ने। निगम अब तक आधा दर्जन बार नोटिस जारी कर चुका है। लेकिन कार्रवाई कोई नहीं हुई। नतीजन इस जर्जर मकान के ढहने से हादसे का खतरा बरकरार है।
केस 2 — ये है गणगौरी बाजार बालिका स्कूल की पीछे की दीवार। नगर निगम इस दीवार को जर्जर घोषित कर चुका है। इस दीवार के सहारे चल रहे बालिका स्कूल में सैंकड़ों छात्राएं पढ़ रही हैं। दीवार की हालात ऐसी है कि बरसात के मौसम में ये कभी भी गिर जाए कोई भरोसा नहीं। इसके बावजूद नगर निगम ने ना तो दीवार को ढहाया है और ना ही इसकी मरम्मत करवाई है। बस इसे खतरनाक के रूप में चिन्हित करके छोड़ दिया।
केस 3 — ये जर्जर हवेली बारह भाईयों के चौराहे पर स्थित है। परकोटा के प्रमुख चौराहे पर जीर्णशीर्ण हाल हो चुकी इस हवेली को निगम ने खतरनाक के रूप में चिन्हित किया है। इसका मतलब है कि ये ईमारत बरसात के मौसम में कभी भी गिर सकती है। इससे जानमाल का नुकसान होने का अंदेशा है। इसके बावजूद निगम ने बस इस ईमारत को चिन्हित भर किया है। निगम की लापरवाही के कारण यह खस्ताहाल ईमारत लोगों के लिए खतरा बनी हुई है।
100 से ज्यादा हैं जर्जर मकान
जानकारी के मुताबिक जयपुर शहर में 100 से ज्यादा भवन ऐसे हैं, जिन्हें निगम ने जर्जर मानते हुए खतरनाक की श्रेणी में चिन्हित किया है। जर्जर ईमारतों की ज्यादातर संख्या चारदीवारी क्षेत्र में ही ज्यादा है। हवामहल पूर्व, हवामहल पश्चिम और मोतीडूंगरी जोन में सबसे ज्यादा जर्जर इमारतें हैं, जिन्हें ढहाने की तत्काल जरूरत है। जर्जर मकानों के आसपास रहने वाले लोग कई बार निगम को इसकी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन निगम प्रशासन ने जर्जर ईमारतें हटाने की बजाय सिर्फ भवन मालिकों के नाम नोटिस जारी किए हैं। ऐसे में ढहने के कगार पर पहुंचे इन भवनों से खतरा बरकरार है।
जानकारी के मुताबिक जयपुर शहर में 100 से ज्यादा भवन ऐसे हैं, जिन्हें निगम ने जर्जर मानते हुए खतरनाक की श्रेणी में चिन्हित किया है। जर्जर ईमारतों की ज्यादातर संख्या चारदीवारी क्षेत्र में ही ज्यादा है। हवामहल पूर्व, हवामहल पश्चिम और मोतीडूंगरी जोन में सबसे ज्यादा जर्जर इमारतें हैं, जिन्हें ढहाने की तत्काल जरूरत है। जर्जर मकानों के आसपास रहने वाले लोग कई बार निगम को इसकी शिकायत कर चुके हैं। लेकिन निगम प्रशासन ने जर्जर ईमारतें हटाने की बजाय सिर्फ भवन मालिकों के नाम नोटिस जारी किए हैं। ऐसे में ढहने के कगार पर पहुंचे इन भवनों से खतरा बरकरार है।