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राजस्थान के किस शहर में आएंगी 100 इलेक्ट्रिक बसें, चीन से किस बात है डर, जानिए

locationजयपुरPublished: Sep 28, 2019 12:52:11 pm

Submitted by:

Pawan kumar

– अब 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने को बन रहा टेंडर डॉक्यूमेंट
 

अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित

अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित,अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित,अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित,अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित,अफसरों ने रात दो बजे स्टिंग कर लो-फ्लोर चालक को डीजल चोरी करते पकड़ा, निलंबित

राजधानी जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने में चीन की कंपनियों के अडंगे के बाद अब जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) सावधानी बरत रहा है। जेसीटीएसएल केन्द्र सरकार की योजना के फेज—2 में जयपुर में 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए जेसीटीएसएल टेंडर डॉक्यूमेंट तैयार कर रहा है।
सूत्रों की मानें तो इस बार जेसीटीएसएल प्रबंधन केन्द्र सरकार की फेज—1 में चीन की दो कंपनियों के अड़ंगे के कारण 40 इलेक्ट्रिक बसें नहीं ला पाने की गलतियों को सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है। केन्द्र सरकार ने फेज—2 में जयपुर को 100 इलेक्ट्रिक बसों की मंजूरी दी है। अब इन बसों को जयपुर की सड़कों पर चलाने की कवायद हो रही है। अगले 15 दिन में टेंडर जारी होने की बात कही जा रही है। निविदा प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक बस निर्माताओं को आमंत्रित किया जाएगा। जो जयपुर में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर सके।
डीजल बसों जितना ही आएगा खर्च
जानकारी के अनुसार इलेक्ट्रिक बस के संचालन पर प्रति किलोमीटर 65 रूपए का खर्च आएगा। जबकि डीजल बसों को चलाने पर भी प्रति किलोमीटर 60 से 65 रूपए ही खर्च आ रहा है। इलेक्ट्रिक बसों के मामले में फर्क सिर्फ इतना होगा कि जेसीटीएसएल इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगा नहीं, बल्कि अनुबंध के आधार पर चलाएगा। जो भी कंपनी जयपुर में बस चलाएगी उसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से राशि का भुगतान किया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में जेसीटीएसएल को बस खरीद में भारीभरकम पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत 75 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ तक होती है। जबकि डीजल से चलने वाली बस जेसीटीएसएल ने एक साल पहले 45 लाख में खरीदी थी।
चीन की चालाकी से जयपुर में नहीं आई 40 इलेक्ट्रिक बसें

केन्द्र सरकार ने गुलाबी नगर जयपुर को 40 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात दी, लेकिन चीन की कंपनी की चालाकी के कारण जयपुर को ये बसें नहीं मिल पाई। चीन की दो कंपनियों ने टाटा कंपनी को जयपुर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने से रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का सहारा लिया। चीन की दो कंपनियों ने जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की प्रक्रिया में तकनीकी बिड में अयोग्य घोषित होने के बाद जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) की निविदा को हाइकोर्ट में चुनौती दे दी। इसके कारण जेसीटीएसएल टाटा कंपनी को इलेक्ट्रिक बसें चलाने का टेंडर दे नहीं सका। हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के कारण जेसीटीएसएल इलेक्ट्रिक बसें चलाने के कार्यादेश टाटा कंपनी को नहीं दे सका, सुनवाई लम्बी चलने के कारण निविदा की समयावधि पूरी हो गई और केन्द्र सरकार से मिलने वाला पैसा लैप्स हो गया। केन्द्र सरकार की योजना का पैसा लैप्स होते ही चीन की कंपनियों ने केस वापस ले लिया।
एडीबी से मिलना था पैसा

जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना के फेज—1 में जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलानी थी। यह प्रोजेक्ट एशिया विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित था। प्रोजेक्ट में प्रति बस 75 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई। जेसीटीएसएल ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर कर त्रजारी किए। जेसीटीएसएल ने 40 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों से प्रस्ताव मांगे। चीन की चाइना की माइत्रा फोर एनर्जी और गोल्ड स्टोन कंपनियों ने प्रस्ताव दिए। जबकि भारतीय कंपनियों में अशोक लीलेंड और टाटा ने प्रपोजल दिए। चाइनीज कंपनियों ने एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत 1.50 करोड़ से 1.82 करोड़ रूपए बताई। वहीं, अशोक लीलेंड ने भी एक बस 1.50 करोड़ रूपए में उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव दिया। जबकि सबसे कम टाटा ने 75 लाख रूपए में बस मुहैया करवाने का प्रस्ताव दिया। सबसे कम कीमत के कारण जेसीटीएसएल ने टाटा के साथ करार कर लिया। ज्यादा कीमत और अन्य तकनीकी कारणों के चलते चाइनीज कंपनियां टेक्निकल बिड के स्तर पर ही बाहर हो गई। टेंडर नहीं मिलने से हताश चाइनीज कंपनियों ने जेसीटीएसएल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे दी।
ये बताई थी इलेक्ट्रिक बसों की खासियत
टाटा की 35 सीटर इलेक्ट्रिक बस एक बार में एसी के साथ 100 किलोमीटर चल सकती है। बस रिचार्ज होने में 5—6 घंटे का वक्त लगता है। बस अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती। इस इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल हिमाचल के परवानू से शिमला के बीच हुआ। जिसमें बस ने 160 किलोमीटर की दूरी सफलतापूवर्क पूरी कर ली। वहीं, चाइनीज कंपनी गोल्ड स्टोन ने डेढ़ करोड़ रूपए में जो बस मुहैया करवाने का प्रस्ताव दिया था, वो 26 सीटर इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज करने पर 200 किमी चलती है। इसे रिचार्ज करने में 4 घंटे का समय लगता है। वहीं, लीलेंड की 35 से 65 सीटर बस एक बार चार्ज करने पर 120 किमी चलेगी। इसकी कीमत 1.50 करोड़ से 3.50 करोड़ रूपए तक थी।
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