राजस्थान की कुप्रथाओं को गंभीरता और संवदेनशीलता के साथ बेपर्दा करते उपन्यास ‘उधड़न’ का रविवार को लोकार्पण किया गया। पत्रकार और उपन्यास की लेखिका टीना शर्मा ‘माधवी’ ने बताया कि समारोह का आयोजन डीसीएम अजमेर रोड स्थित होटल में किया गया।
कुप्रथाओं को बेपर्दा करते लेखिका टीना शर्मा के उपन्यास ‘उधड़न’ का हुआ लोकार्पण
जयपुर। राजस्थान की कुप्रथाओं को गंभीरता और संवदेनशीलता के साथ बेपर्दा करते उपन्यास ‘उधड़न’ का रविवार को लोकार्पण किया गया। पत्रकार और उपन्यास की लेखिका टीना शर्मा ‘माधवी’ ने बताया कि समारोह का आयोजन डीसीएम अजमेर रोड स्थित होटल में किया गया। जिसमें शहर के साहित्यकारों समेत गणमान्य लोग मौजूद रहे।
समारोह की शुरूआत रंगकर्मी कविता माथुर ने सरस्वती वंदना के साथ की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार राजीव तिवारी ने कहा कि वर्तमान में कुरीतियों पर चर्चा करने और उस पर लेखन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस किताब के किरदारों के संवाद में वास्तविकता झलकती है। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने कहा कि आज भी किसी न किसी रूप में समाज में कुरीतियां मौजूद हैं, इन्हें दूर करने के हर संभव प्रसास होने चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि इस दौर में भी महिलाएं अपके अधिकारों को लेकर आंदोलन कर रही हैं। पीड़ित महिलाओं की आवाज उठाने वालों की आज जरूरत है।
‘बेटियों के साथ होने वाले अन्याय को सशक्त रूप से उठाया’ कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और वरिष्ठ साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल ने कहा कि इस उपन्यास में जब गांव का जिक्र होता है तो ऐसा लगता है कि हम वहीं मौजूद हैं, संपूर्ण घटनाक्रम हमारे सामने ही हो रहा है। वरिष्ठ साहित्यकार नीलिमा टिक्कू ने कहा कि इस किताब में बेटियों के साथ होने वाले अन्याय को सशक्त तरीके से उठाया गया है। कार्यक्रम का संचालन शिवानी ने किया।
यह भी रहे मौजूद लोकार्पण समारोह में सीएम के ओएसडी और साहित्यकार फारुक आफरीदी, लेखक लोकेश सिहं ‘साहिल’, प्रर्यावरण प्रेमी रूपेश केड़िया, फिल्म निर्माता विपिन तिवारी, कोशल मिश्रा, कोमल, नागरिक शक्ति मंच के अध्यक्ष एडवोकेट अभिषेक शर्मा, सरबोजनिन वेलफेयर एसोसिएशन के सोमेंदू घोष समेत अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।