जयपुर। उधर, राजस्थान पुलिस के 33वें डीजीपी भूपेन्द्र सिंह यादव ( Rajasthan Police New DGP ) ने कार्यकाल संभार लिया है। बतौर डीजीपी आज उनका पहला कार्यदिवस है। आज डीजीपी यादव पुलिस मुख्यालय के अफसरों के साथ औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हालांकि डीजीपी के सिर पर कांटों का ताज सज चुका है। उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। इनको लेकर कल से बैठकों का दौर शुरू होना है। सबसे बड़ी चुनौती लगातार बढ़े अपराधों पर लगाम लगाना है।
प्रदेश के 850 से ज्यादा पुलिस थानों में अपराधों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अपराध तेजी से बढ़े हैं। इस साल मई महीने तक प्रदेश के पुलिस थानों में 85,185 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें बड़ी संख्या चोरी और अन्य अपराधों की तो है ही साथ ही हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों के 1300 से भी ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। अपहरण और बलात्कार के मामलों की संख्या 5500 से भी ज्यादा है। बात गुजरे दो सालों की करें तो साल 2017 में मई के महीने तक 71,015 मामले और साल 2018 में 71,455 मामले प्रदेश के थानों में दर्ज हुए हैं।
प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। साइबर क्राइम के शिकार लोग हर महीने करोड़ों रुपए गवां रहे हैं जबकि बरामदगी का प्रतिशत बीस प्रतिशत से भी कम है। कई बड़ी गैंग का खुलासा करने के बाद भी अपराध बढऩे का कारण यह है कि प्रदेश में साइबर एक्सपट्र्स पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम है। जयपुर जिले और जयपुर में एक-एक साइबर थाने हैं। इन्हीं में पूरे प्रदेश के मामले दर्ज हो रहे हैं। जबकि अन्य जिलों में भी लोगों के खाते तेजी से साफ होने लगे हैं। ऐसी स्थिति में साइबर एक्सपट्र्स पुलिसकर्मियों का बंदोबस्त दूसरी बड़ी चुनौती है।
पूर्व डीजीपी कपिल गर्ग ने भी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की वकालत की थी। इस विषय पर काम भी किया, लेकिन 850 थानों में से सिर्फ तीन पुलिस थाने ही इसे लागू कर सके हैं। नए डीजीपी के सामने पुलिसकर्मियों का साप्ताहिक अवकाश भी बड़ी चुनौती है। ये हालात तो तब हैं जब प्रदेश के सभी जिलों से पुलिस अधीक्षकों ने साप्ताहिक अवकाश देने के मामले में पॉजिटिव रिपोर्ट ही भेजी है।
आज पहला कार्यदिवस होने के बाद डीजीपी कल यानि मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के अफसरों की पहली बैठक ले सकते हैं। इसमें बजट के साथ ही अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी है। साथ ही जिलों के पुलिस अधीक्षकों की भी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इस रिपोर्ट को भी नए पुलिस महानिदेशक के सामने रखा जाना है।