करिश्मा शर्मा, सिरसी रोड
रुचिका, झोटवाड़ा ने कहा कि जो महिलाएं घर पर अकेली रहती हैं उनको ही ये ठग अपना शिकार बनाते हैं। कभी एटीएम का पास वर्ड पूछकर तो कभी क्रेडिट कार्ड का नंबर जानकर। इसलिए यदि किसी के पास भी ऐसा कोई फोन आए तो किसी भी सूरत में न तो एटीएम का पासवर्ड बताएं और न ही क्रेडिट कार्ड का नंबर। क्योंकि बताने के बाद कुछ ही मिनटों में खाते में से रकम निकल जाएगी या क्रेडिट कार्ड से खरीददारी हो जाएगी। इसके बाद छाती पीटने से कुछ भी नहीं होने वाला। यदि ऐसा कोई फोन आए तो तुरंत बैंक से संपर्क करना चाहिए या अपने परिजनों को ये बात बतानी चाहिए। साथ ही इस बात की गांठ बांध लेनी चाहिए कि कोई कितना ही लालच दे किसी की भी बात में नहीं आना है।
वर्षा पारीक, झोटवाड़ा ने कहा कि महिलाएं सरल स्वभाव की होती हैं इसी कारण वे आसानी से ठगों के मायाजाल में आ जाती हैं। दूसरी बात ये है कि ठगी होने के पीछे लालच की भी अहम भूमिका होती है। क्योंकि यदि किसी महिला को लालच नहीं होगा तो वो न तो रुपए दुगुने करने वाले के झांसे में आएगी और न ही सोना दुगुने करने वाले की बातों में आएगी। अफसोस की बात तो ये है कि आधुनिक युग की महिलाएं पढी-लिखी हैं और विभिन्न समाचार माध्यमों पर वे इस तरह की खबरें भी पढ़ती हैं। फिर भी वे इन ठगों की बातों में आ सब कुछ इनको लुटा देती हंै। इसके लिए महिलाओं को सावचेत होने की जरूरत है। क्योंकि खुद की सावधानी से ही ऐसी वारदात पर अंकुश लगाया जा सकता है।
वर्षा पारीक, झोटवाड़ा