ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत पर सबसे पहले बचाव के लिए ब्लॉक हुई रक्त वाहिकाओं को खोलने के लिए परंपरागत रूप से डॉक्टर क्लॉट खत्म करने वाली दवाईयां देते हैं। अब इस बीमारी के इलाज में अत्याधुनिक तकनीक आ गई हैं। इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि पांच वैश्विक परीक्षणों में देखा गया कि अत्याधुनिक मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी (स्टेंट के माध्यम से बिना किसी चीरफाड़ के ब्रेन में हुए ब्लड क्लॉट को हटाना) बहुत उपयोगी और कारगर तकनीक के रूप में सामने आई है।
— परिणामों में आया सुधार डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि इस तकनीक का क्लॉट बस्टिंग दवाओं के साथ उपयोग करने पर स्ट्रोक मरीजों में विकलांगता में कमी आई है एवं न्यूरोलॉजिकल परिणामों में सुधार आया है। हार्ट के लिए प्राइमरी एंजियोप्लास्टी की तरह ही मस्तिष्क के लिए मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी कारगार है। एंजियोप्लास्टी की तरह, थक्का रोधी (क्लॉट बस्टिंग) दवाओं के साथ मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी से उपचार, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को जल्द बहाल और क्षति को कम करने में मदद करता है।
किन मरीजों में कारगर जो मरीज थक्का रोधी दवाओं (एंटी-कॉगुलेंट्स) का सेवन कर रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स की गिनती कम है या हाल ही में दिल का दौरा, स्ट्रोक, पेप्टिक अल्सर या सर्जरी हुई है, उनके लिए क्लॉट बस्टिंग दवाएं अनुपयोगी हो सकती हैं। ऐसे मरीजों को सीधे मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी के लिए ले जाना चाहिए। जो मरीज स्ट्रोक के 4.5 से 8 घंटे बाद भर्ती हुए हैं, उन्हें बिना समय गंवाए, इस उपचार को चुनना चाहिए। मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी एक गेम चेंजिंग उपचार विकल्प के रूप में उभरा है, जो स्ट्रोक के बाद मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह पुन: सुचारू कर देता है।