भारत के दूध उत्पादन में बढ़ते वर्चस्व से पश्चिमी देशों की स्थिति बिगड़ी
जयपुरPublished: Feb 22, 2020 06:11:24 pm
– ४८ वां डेयरी इंडस्ट्री सम्मेलन, आज होगा समापन
जयपुर. दुनिया में दुग्ध उत्पादन में भारत का बढ़ते वर्चस्व से पश्चिमी देशों की स्थिति बिगड़ी हुई है। वर्तमान में दुनिया में २० प्रतिशत दुग्ध उत्पादन एकमात्र भारत से हो रहा है। संभवत: आगामी पांच साल में यह आंकड़ा बढक़र ३१ प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। इसे देख वह बोखलाएं हुए है और बेवजह कमियां निकाल कर आयात पर रोक लगा देते है और गलत रिपोर्ट पेशकर राजनीति दबाव की भी कोशिश करते है। यह बात डेयरी विशेषज्ञों ने शुक्रवार को बिड़ला सभागार में आयोजित ४८ वें डेयरी इंडस्ट्री सम्मेलन में दूसरे दिन कही। सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू हुए कार्यक्रम में दिनभर तकनीकी सेशन हुए। जिसमें आईडीएफ के चेयरमैन एम के पंडिता और पूर्व डेयरी अधिकारी अनिल शुक्ला, संग्राम सिंह चौधरी, एनडीडीबी आणद के डॉ. आरओ गुप्ता, डॉ सचिन जोशी, डॉ. आरएन जोशी, नेशनल इंस्ट्ट्यिूट ऑफ एनिमल न्यूट्रीशन ऑफ फीजियोलॉजी बेंगलुरु के डायरेक्टर राघवेंद्र भट्टा समेत कई विशेषज्ञों, डेयरी अधिकारियों ने अपने अपने सुझाव दिए। इसमें उन्होंने दूध के उत्पादन, किसानों की लागत में इजाफा, आयात-निर्यात में सुगमता, डेयरी उत्पादकों की संख्या में इजाफा, मशीनरी, नए अविष्कार में सुगमता समेत कई विषयों पर मंथन किया। खासतौर पर दूध की गुणवत्ता के सुधार, पशु स्वास्थ्य, दूध संग्रहण समेत कई विषयों पर ज्यादा फोकस रहा। शनिवार को अंतिम दिन सेशंस के बाद विशेषज्ञों के मध्य संयुक्त मंथन होगा। इसमें आए विचारों के बाद एक रिपोर्ट बनेगी। जिसे राज्य एवं केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जिससे डेयरी के विकास की नीति निर्णारण में मदद मिलेगी।