जयपुर

Limpy skin disease का बढ़ता कहर- 94,358 पशु संक्रमित, जयपुर में भी दी दस्तक

प्रदेश में मानसून सीजन में पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज कहर बनकर टूट रही है। पशुपालन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अब तक राजस्थान के 13 जिलों अब तक इस बीमारी से 4296 पशुओं की मौत हो चुकी है।

जयपुरAug 03, 2022 / 09:21 pm

Rakhi Hajela

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लिम्पी स्किन डिजीज का बढ़ता कहर
प्रदेश में अब तक 94358 पशु संक्रमित
4296 की हुई मृत्यु
राजधानी जयपुर में भी लिम्पी स्किन डिजीज ने दी दस्तक
282 पशु हो चुके हैं संक्रमित, 9 की मौत
सबसे अधिक जोधपुर में 730 पशुओं की हुई मौत
जयपुर।
प्रदेश में मानसून सीजन में पशुओं में लम्पी स्किन डिजीज कहर बनकर टूट रही है। पशुपालन विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अब तक राजस्थान के 13 जिलों अब तक इस बीमारी से 4296 पशुओं की मौत हो चुकी है। प्रदेश में अब तक इससे 94 हजार 358 पशु संक्रमित हो चुके हैं और तो और प्रदेश से सीमावर्ती जिलों से शुरू हुई यह बीमारी अब राजधानी जयपुर में भी दस्तक दे चुकी हैं। जयपुर में अब तक इस बीमारी से संक्रमण के 282 मामले रिकॉर्ड हुए हैं, जिसमें से 73पशुओं की मौत हो चुकी है। प्रदेश में जोधपुर में सबसे अधिक 730 पशुओं की इस बीमारी से मौत हुई है। इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं होने की वजह से पशुपालक खासकर गायों को पालने वाले किसान ज्यादा परेशान नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तान के रास्ते भारत में फैल रही लम्पी
चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान,गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के जानवरों में लम्पी नामक संक्रामक बीमारी ने पाकिस्तान के रास्ते प्रवेश किया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लम्पी रोग नामक यह संक्रामक रोग इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत आया। रोग के सामने आने के बाद विभाग ने प्रभावित इलाकों में अलग.अलग टीम भेजी है और रोगी पशुओं को अलग.थलग रखने की सलाह दी है।
लम्पी का क्या है लक्षण
लम्पी त्वचा संबंधी बीमारी के संक्रमण में आने के बाद पशु दूध देना कम कर देते हैं। ऐसे में बहुत से परिवार जिनकी जीविका दूध उत्पादन े चल रही थी, उनके सामने परेशानी खड़ी कर दी है। जानवरों में लैम्पी यह एलएसडी कैप्रीपॉक्स से फैलती है।अगर एक पशु में संक्रमण हुआ तो दूसरे पशु भी इससे संक्रमित हो जाते हैं। बीमारी, मक्खी.मच्छर, चारे के जरिए फैलती है, क्योंकि पशु भी एक राज्य से दूसरे राज्य तक आते.जाते रहते हैं, जिनसे ये बीमारी एक से दूसरे राज्य में भी फैल जाती है।
लम्पी के इलाज के लिए कोई टीका नहीं
लम्पी बीमारी से बचाव के बारे मेंविभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी तक इस बीमारी का टीका नहीं बना है, लेकिन फिर भी ये बीमारी बकरियों में होने वाली गोट पॉक्स की तरह ही है इसलिए अभी गाय.भैंस को भी गोट पॉक्स का टीका लगाया जा रहा है। जिसका अच्छा परिणाम भी सामने आ रहा है।
जिला …..संक्रमित पशुओं की संख्या……..इलाज……….. ठीक हुए…………… मौत
जोधपुर…. 10212…………………….. 9103…………… 4369………….. 730
बाड़मेर……11785……………………. 9761…………… 3239………….. 830
जैसलमेर …7107………………………6112……………. 5711………….. 231
जालौर….10663……………………. 7632…………….. 3192…………. 580
पाली…….. 2470…………………… 1819…………….. 1255………….. 60
सिरोही….. 1037…………………….. 695……………… 258…………….. 36
बीकानेर… 10012………………….. 8396…………….. 4190………….. 527
चूरू……… 4590………………….. 4590…………….. 122 …………….33
श्रीगंगानगर. 22393……………….. 14568…………….. 9984…………. 840
हनुमानगढ़.. 2806………………… 2292……………… 942…………….. 53
अजमेर……. 903………………….. 899…………….. 239………………. 41
नागौर……… 2388……………….. 2117…………….. 741………………. 90
कुचामन सिटी.. 4607………….. 4197…………….. 1442………………. 187
जयपुर……….. 282………….. 236………………… 108………………….. 9
सीकर……….. 76………………..76………………….. 40…………………….1
झुंझुनू……….. 23………………. 21…………………… 3……………………. 1
उदयपुर …….3004……………. 1604…………… 718…………………… 47
कुल………. 94358………….. 74118…………. 36553……………….. 4296

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