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Mustard: किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढ़ती उत्पादकता

locationजयपुरPublished: Apr 21, 2021 10:57:18 am

द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( Solvent Extractors Association of India ) के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि सरसों ( mustard production ) की बढ़ती उत्पादकता किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मार्ट की एक अध्ययन के अनुसार गेहंू उपज पर 37.8 प्रतिशत अधिशेष है, जबकि सरसों की फसलों ( mustard crops ) पर 75.2 प्रतिशत प्रति हैक्टेयर अधिशेष है यह विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं अन्य राज्यों को परम्परागत फसलों जैसे चावल ( rice ), गेहूं ( wheat ) एवं गन्ना के मुकाबले बेहद वित्तीय परिद

Mustard: किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढ़ती उत्पादकता

Mustard: किसानों को आकर्षित कर रही है सरसों की बढ़ती उत्पादकता

जयपुर। द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी का कहना है कि सरसों की बढ़ती उत्पादकता किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मार्ट की एक अध्ययन के अनुसार गेहंू उपज पर 37.8 प्रतिशत अधिशेष है, जबकि सरसों की फसलों पर 75.2 प्रतिशत प्रति हैक्टेयर अधिशेष है यह विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं अन्य राज्यों को परम्परागत फसलों जैसे चावल, गेहूं एवं गन्ना के मुकाबले बेहद वित्तीय परिदृष्य के साथ सरसों की फसल की ओर बदलाव को प्रोत्साहित करेगा।
आत्मनिर्भर भारत मिशन मस्टर्ड 2025 की दिशा में अपने कदम बढ़ाते हुए मॉडल फामर््स सरसों उत्पादकता बढ़ाने का एक बेहतर जरिया हैं। मस्टर्ड मिशन ऑयल शीड्स फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, जिससे कि किसानों के जीवन यापन में भी सुधार होता है। डॉ. सुरेश मोटवानी, जनरल मैनेजर, वेज ऑयल्स सॉलिडारिडाड नेटवर्क एशिया के अनुसार मस्टर्ड मिशन किसानों को बेहतर तकनीकी के साथ नवीनतम उत्पादन सुविधाएं उपलब्ध कराता है, जिससे कि किसानों को लाभप्रद बाजार हासिल होता है।
खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के दिशा में द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) 500 से ज्यादा मॉडल फाम्र्स स्थापित करने जा रही है, ताकि राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के 25 हजार से ज्यादा सरसों की उपज करने वाले किसान रबी सत्र में इनके साथ जुड़कर लाभान्वित हो सके। यह जानकारी एसईए के कार्यकारी निदेषक बी.वी. मेहता ने दी।
विजय डाटा, अध्यक्ष, एसईए-रेप मस्टर्ड प्रमोशन परिषद के अनुसार, ऑयलशीड के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थिति में है। यूएसए, चीन एवं ब्राजील के बाद भारत दुनियां का चौथा सबसे बड़ा ऑयल शीड उत्पादक है। रेपसीड मस्टर्ड इसकी सबसे महत्वपूर्ण ऑयलशीड क्रोप है, जिसकी उपज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं गुजरात में है। इन राज्यों की देश के कुल उत्पादन की लगभग 93 प्रतिशत भागीदारी है। प्राथमिक सूत्रों के अनुसार रेपसीड मस्टर्ड की खाद्य तेल उत्पादन में एक तिहाई की भागेदारी है, जिसने के इसको देश की प्रमुख एडिबल ऑयल शीड क्रोप बना दिया है।
भारत में रेपशीड मस्टर्ड की उत्पादकता प्रमुख रेपशीड मस्टर्ड विकसित राष्ट्रों की तुलना में काफी कम है। विकसित परिस्थितियों एवं तकनीकों के ज्ञान एवं जागरूकता के अभाव में यह अन्तर और बढ़ा है। विकसित श्रेणियों के कम उपयोग, उच्च शीड दर, बीज उपचार के अभाव, उर्वरक उपयोग के असामंजस्य, प्लांट सुरक्षा में उचित देखभाल का अभाव, बाजारों से कमजोर जुड़ाव आदि कारणों ने भी उत्पादकता के इस अन्तर को और बढ़ाया है।
देश आज 70 प्रतिशत से ज्यादा आयातित खाद्य तेलों पर निर्भर है, जो कि खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से एक चिंता का विषय है इन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत को इस दिशा में बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है एवं प्रमुख ऑयलशीड फसलों की उत्पादकता बढ़ाकर इन चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए द सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सॉलिडारिडाड के साथ मिशन मस्टर्ड मॉडल फाम्र्स प्रोजेक्ट पर 2019 से राजस्थान में काम कर रहा है। एक सबसे बड़े सरसों उत्पादक देश होने के नाते वर्ष 2025 तक 200 लाख टन रेपशीड मस्टर्ड का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत रबी सीजन 2020-21 में 200 मॉडल फार्मस स्थापित किए गए है, जो कि राजस्थान के बूंदी, कोटा, बारा, टोंक के 10 हजार से ज्यादा किसानों को प्रभावी फार्मिंग तकनीकी से अवगत करायेगा।
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