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जयपुर

निजीकरण, महंगी बिजली, तबदलों में मनमानी पर विद्युत कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना

सरकार के खिलाफ लामबंद हुए कर्मचारी संगठन

जयपुरOct 05, 2021 / 06:13 pm

Bhavnesh Gupta

निजीकरण, महंगी बिजली, तबदलों में मनमानी पर विद्युत कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना

निजीकरण, महंगी बिजली, तबदलों में मनमानी पर विद्युत कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना

जयपुर। बिजली कंपनियों के निजीकरण, तबादलों में मनमानी और महंगी बिजली खरीद के विरोध में राजस्थान विद्युत श्रमिक (भामस) महासंघ अब प्रदर्शन शुरू कर दिया है। महासंघ ने मंगलवार को विद्युत भवन के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। इसमें पांच निगमों के कर्मचारी शामिल हुए। महासंघ ने आरोप लगाए कि राजनैतिक द्वेषता के आधार पर तबादले किए गए, जबकि जरूरत और मानवीयता के आधार पर काम होना चाहिए था। इसके अलावा 28 सूत्रीय मांग है, जिस पर प्रशासन गौर ही नहीं कर रहा है। जनता महंगी बिजली की शिकार हो रही है और बिजली कंपनियों का घाटा बढ़ता जा रहा है। प्रबंधन की खामियों के कारण ऐसा हो रहा है।
इसके लिए लगातार प्रशासन को जानकारी दी गई, लेकिन उनके सिर पर जूं तक नहीं रेंगी। महासंघ ने तय किया है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक विद्युत भवन पर क्रमिक धरना जारी रहेगा। धरना स्थल पर सी.पी. शर्मा (विद्युत प्रभारी), अखिल भारतीय विद्युत महामंत्री अमर सिंह सांखला, सीताराम गुप्ता, मधुसूदन जोशी सहित अन्य कर्मचारी संगठन पदाधिकारियों ने संबोधित किया।

यह भी मांग

-पांचों बिजली कंपनियों को विलय करके एक विद्युत मंडल बनाया जाए।
-आईटीआई स्किल्ड तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन हो एवं टाइम बाउंड योजना का वित्तीय लाभ नियुक्ति तिथि से दिया जाए।
-1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर आरजीएचएस मेडिकल योजना नि:शुल्क लागू हो। पूर्व में नियुक्त कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को मेडिकल पुनर्भरण में योजना लागू रखी जाए।
-कोविड-19 से मृतक कर्मचारियों के परिवार को मुआवजे के तौर पर 50 लाख की राशि दी जाए।
-घाटे की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराएं। साथ ही विद्युत दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के समुचित उपाय हो।
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