इस ट्रेक की स्वीकृति 2018—19 रेलवे की बजट घोषणा में हुई थी। अधिशासी अभियंता जोराराम मीणा ने बताया कि योजना के तहत गुढ़ासाल्ट से ठठना मीठड़ी के बीच ट्रेक के लिए रेलवे को 353 करोड़ रुपए मंजूर हुए थे, लेकिन बाद में और बजट की सौगात दी गई।
सांभर झील किनारे ट्रायल ट्रेक बनने से भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। जहां हाईस्पीड ट्रेनों के लिए परीक्षण ट्रेक है। वर्तमान में अमेरिका, चीन, जापान, आॅस्ट्रेलिया व जर्मनी जैसे देशों में ये सुविधा उपलब्ध है। इससे राजस्थान का नाम एक बार फिर विश्व स्तर पर चमकने वाला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे दिसम्बर 2021 तक ये ट्रेक बनाकर तैयार कर देगा।
झील किनारे वर्षों पुरानी मीटर गेज लाइन थी। जहां पहले साधारण ट्रेनों की आवाजाही होती थी। जिस वजह से रेलवे ने इस जगह को चुना है। ट्रेक पर दो स्टेशन गुढ़ासाल्ट व ठठाना मीठड़ी को बनाए जाएंगे। जहां इंजन, बोगी व वैगन 200 किमी. रफ्तार से रन कर रुकेंगे। परीक्षण ट्रेक के साथ आधुनिक लैक भी स्थापित की जाएगी। ट्रेक निर्माण से आस—पास के गांवों के लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है।
फुलेरा—जोधपुर रेलमार्ग पर विश्वस्तरीय ट्रायल ट्रैक बनने के बाद भारतीयों ट्रेनें हवा से बातें करती नजर आएगी। बता दें कि भारत में इस समय किसी भी ट्रेन के लिए परीक्षण टगेक नहीं है। जिस कारण ट्रेनों की स्पीड कम है। यहां ट्रैक बनने के बाद विदेशों की तर्ज पर हाईस्पीड ट्रेनें, रेग्युलर, गुड्स वैगन के ट्रायल किए जा सकेंगे।
गुढ़ासाल्ट से ठठना मीठड़ी के बीच ट्रेक का निर्माण हो रहा है। वर्तमान में 31 पुलिया व मिट्टी का गोला बनाने का काम चालू है। इसके लिए पहले 353 करोड़ स्वीकृत हुए, बाद में और बजट बढ़ाया गया है।
जोराराम मीणा, एक्सईएन रेलवे