संभले नहीं तो भारत में कैंसर की सुनामी
जयपुरPublished: Mar 09, 2020 12:54:16 am
चिंता : भारतीय मूल के अमरीकी विशेषज्ञों ने दिया स्वास्थ्य शिक्षा पर दिया जोर
संभले नहीं तो भारत में कैंसर की सुनामी
वाशिंगटन.
भारत में अगर कैंसर से निपटने के लिए तत्काल आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब भारत को कैंसर की ‘सुनामीÓ जैसे खतरे का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय मूल के दो अमरीकी विशेषज्ञों डॉ. दत्तात्रेयुडू नोरी और डॉ. रेखा भंडारी ने देश में कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह चिंता जताई है।
उनका कहना है कि स्वास्थ्य शिक्षा के विस्तार और बीमारी को शुरुआती चरण में ही पहचानने की जबरदस्त कोशिशों के जरिए ही भारत को इस स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकता है। देश में प्रतिदिन करीब 1300 लोगों की कैंसर से मौत हो रही है और सालाना पूरे देश में करीब 12 लाख नए मरीज सामने आ रहे हैं। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर भी कह चुकी है कि 2030 तक भारत में हर साल कैंसर के करीब 17 लाख नए मरीज सामने आ सकते हैं।
कैंसर मरीजों के सफल इलाज और इस घातक बीमारी के बारे में अपने अहम शोध की वजह से दुनियाभर में मशहूर हैं।
बीमारी से निपटने को दिए कई सुझाव
दोनों कैंसर विशेषज्ञों ने भारत सरकार को कैंसर हॉटलाइन और रीजनल कैंसर सेंटर बनाने के अलावा ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल कैंसर जैसे तेजी से बढ़ रहे रोगों के लिए टास्क फोर्स बनाने जैसे कई सुझाव दिए। न्यूयार्क में रहने वाले डॉ. नोरी 2015 में पद्मश्री से समानित हो चुके हैं। वे पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत नीलम संजीव रेड्डी समेत कई भारतीय नेताओं का इलाज कर चुके हैं। डॉ. रेखा भंडारी दर्द निवारक दवाओं के क्षेत्र में अपने शोध के लिए जानी जाती हैं।