पाकिस्तान अब पूरी तरह बैकफुट पर है। वह भारत के हवाई हमलों में नुकसान से इन्कार कर रहा है। पाक सेना ने 27 फरवरी की सुबह पुंछ और राजौरी में वायुसीमा का उल्लंघन किया तो भारत ने उनका एफ-16 विमान गिरा दिया। भारत का एक पायलट लापता है। संकेत हैं कि वह पाकिस्तान में है। पाक सेना और सरकार के पास अपनी साख बचाने के लिए विकल्पों का अभाव है। पाक की अब तक की प्रतिक्रिया सिर्फ अपने लोगों का विश्वास पाने की कोशिश भर है।
पाक सस्ते विकल्प के तौर पर नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ाता है। इसके तहत पिछले 36 घंटों में लगभग 50 चौकियों पर पाकिस्तान से गोलबारी हुई, मोर्टार दागे गए। इसका उपयुक्त जवाब भी दिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेनाओं की तैनाती की जा रही है, जो सांकेतिक है। युद्ध जैसी स्थिति है लेकिन युद्ध की संभावना नगण्य है। पाकिस्तानी सूचना तंत्र भ्रामक चित्रों व वीडियो के माध्यम से सूचनाओं को गलत तरीके से पेश करने में माहिर है। हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। संशय और डर का माहौल खड़ा करने की कोशिश चल रही है। कश्मीर में चल रही कार्रवाई को राजनीतिक और धार्मिक रंग दे कर आम जनता को भड़काने की कोशिश भी सूचना युद्ध का हिस्सा है।
अगले कुछ महीने परीक्षा की घड़ी हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सभी विकल्पों का मुंहतोड़ जवाब देने से ही स्थति में सुधार होगा। पाकिस्तान इस समय इस युद्ध में अलग-थलग है। चीन की चुप्पी और आतंकी ढांचा ध्वस्त करने की अमरीकी राष्ट्रपति की सख्त ताकीद पाकिस्तान के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। हवाई हमलों का सांकेतिक जवाब देकर और मीडिया में युद्ध की स्थिति से दूर रहने की अपनी इच्छा जाहिर कर के पाकिस्तान ने अपना रुख स्पष्ट करने की कोशिश की है। भारत को हर दृष्टि से सतर्क रहना होगा। विदेश मंत्रालय, सेनाओं और सुरक्षा एजेंसियों के जरिए पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाए रखना होगा। तब ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के विरुद्ध इस युद्ध में सफलता मिलेगी। इस समय आवश्यकता है कि राजनीतिक और सैन्य इच्छाशक्ति बनाए रखी जाए।