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गंगा किनारे बसी देश की 15 फीसदी आबादी, इनमें मात्र 230 संक्रमित

locationजयपुरPublished: Apr 18, 2020 10:31:15 pm

Submitted by:

anoop singh

अद्भुत : 5 राज्यों के 46 में से 24 जिले ही कोरोना प्रभावित

गंगा किनारे बसी देश की 15 फीसदी आबादी, इनमें मात्र 230 संक्रमित

गंगा किनारे बसी देश की 15 फीसदी आबादी, इनमें मात्र 230 संक्रमित

नई दिल्ली. दुनिया के साथ भारत में भी में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, मगर स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 5 राज्यों से बहने वाली गंगा के किनारे बसे मात्र आधे जिलों में ही संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
वहीं इन जिलों में मिले कोरोना पॉजिटिव मामलों का प्रतिशत देश के कुल कोरोना के मामलों का मात्र 2 प्रतिशत है। जबकि गंगा किनारे बसे इन जिलों में देश की 15 फीसदी आबादी निवास करती है। आंकड़ों के अनुसार, पांच राज्यों के 46 जिले ऐसे हैं जो गंगा किनारे हैं। इनमेंं से 24 जिलों संक्रमण के मामले सामने आए हैं। इन 24 जिलों में अब तक कुल 230 पॉजिटिव मिले हैं। इनमें उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड, प. बंगाल शामिल हैं। लॉकडाउन के पहले चरण में विभिन्न राज्यों से घरों को लौटे हजारों कामगार इस बेल्ट के निवासी हैं। इनके वापस लौटने के इतने दिनों बाद भी उन क्षेत्रों में संक्रमण के मामले नहीं बढ़े।
उत्तराखंड: 7 में से 3 जिले प्रभावित
गंगा के प्रवाह क्षेत्र में आने वाले पहले राज्य उत्तराखंड में 7 में से तीन जिले ही प्रभावित हैं। इनमें अब तक 24 मामले मिले हैं।
उत्तर प्रदेश: 16 जिलों में संक्रमण
गंगा उत्तर प्रदेश के 25 जिलों से होकर बहने वाली है, जिनमें 16 जिलों में कुल 175 मामले कोरोना पॉजिटिव आए हैं।
बिहार: 5 जिलों में 31 मामले
बिहार में 12 जिले गंगा क्षेत्र में हैं। इनमें से पांच जिलों में कोरोना के कुल 31 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं।
झारखंड, पश्चिम बंगाल में नहीं कोई मामला : गंगा झारखंड में साहिबगंज और पश्चिम बंगाल में माल्दा जिले गुजरती है। दोनों जिलों में एक भी केस नहीं है।
लॉकडाउन से 10 करोड़ नए गरीब
लॉकडाउन के प्रभाव से देश में करीब 10 करोड़ नए गरीब पैदा होंगे। जापान स्थित यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी (यूएनयू) के एक शोध के अनुसार अगर कोरोना सबसे खराब स्थिति में पहुंचता है तो भारत में 10.4 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे। शोध के अनुसार यूएनयू की रिसर्च के अनुसार भारत में करीब 81.2 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। यह देश की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है। अगर 10 करोड़ नए गरीब आ गए तो यह प्रतिशत बढ़कर 68 हो जाएगा।

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