पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के बाद पाकिस्तान से बढ़े तनाव के बीच भारत पाकिस्तान पर मिसाल हलमे की तैयारी में था। इस बाबत भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी तक दे दी थी। वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन (Wing Commander Abhinandan) के पकड़े जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल हमले की तैयारी कर ली थी। हालांकि, अमरीकी मध्यस्थता के बाद हमले को टाल दिया था। एक न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में भारत, पाकिस्तान और अमरीकी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि दोनों देशों के बीच बढ़ती तनातनी में एक समय ऐसा था जब भारत ने पाकिस्तान को छह मिसाइल दागने की चेतावनी तक दे दी थी। गौरतलब है कि पुलवामा हमले में भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे जिसमें से 5 सपूतों को राजस्थान ने खोया था। इस हमले के बाद पूरे देश सहित राजस्थान के लोगों में जमकर पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश व्याप्त था और लोगों के द्वारा पाकिस्तान को सबक सिखाए जाने की मांग की जा रही थी।
एयर स्ट्राइक के दूसरे दिन 27 फरवरी को पाक वायुसेना द्वारा सीमा लांघे जाने पर भारत ने पाक को सीधे हमले की धमकी दी थी। एनएसए अजीत डोभाल ने आइएसआइ के प्रमुख को सख्त लहजे में कहा कि पायलट भले ही उनकी गिरफ्त में हो, लेकिन पाक नहीं सुधरा तो उस पर मिसाइलों से हमला किया जाएगा।
भारत में पकड़े जाने से पहले मसूद ने कई देशों से जुटाए थे लाखों रुपए
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 1994 में भारत में पूछताछ के दौरान मसूद ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से अक्टूबर 1992 में ब्रिटेन की एक महीने की यात्रा की थी और उसने वहां 15 लाख पाकिस्तानी रुपए जुटाए थे। भारत आने से पहले शारजाह और सऊदी अरब का भी दौरा किया था। मसूद ने कहा था, अरब देश कश्मीर के मसले पर कोई सहायता नहीं देना चाहते थे। अबु धाबी में उसने 3 लाख, शारजाह में 2 लाख और दूसरी बार सऊदी दौरे पर 2 लाख पाकिस्तानी रुपए जुटाए थे।
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 1994 में भारत में पूछताछ के दौरान मसूद ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से अक्टूबर 1992 में ब्रिटेन की एक महीने की यात्रा की थी और उसने वहां 15 लाख पाकिस्तानी रुपए जुटाए थे। भारत आने से पहले शारजाह और सऊदी अरब का भी दौरा किया था। मसूद ने कहा था, अरब देश कश्मीर के मसले पर कोई सहायता नहीं देना चाहते थे। अबु धाबी में उसने 3 लाख, शारजाह में 2 लाख और दूसरी बार सऊदी दौरे पर 2 लाख पाकिस्तानी रुपए जुटाए थे।