1 हनी ट्रैप
आईएसआई का सबसे कारगर तरीका यह बना हुआ है। इसमें पाकिस्तानी युवतियां लव जेहाद कर रही हैं और भारतीय सैन्य जवानों से बात कर सूचनाएं निकलवा रही हैं। यह किसी भी तरह का कृत्य फोन पर यह लाइव चैट पर सामने वाले को जाल में फंसाने के लिए कर सकती हैं। परिवार से दूर रह रहे जवान इस ट्रैप में तेजी से फंसते हैं।
2 वीजा ट्रैप
राजस्थान, पंजाब और जम्मू—कश्मीर में जासूसी के लिए यह तरीका अपनाया जा रहा है। कश्मीर में यह तरीका सबसे कारगर भी रहा। मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग के एडमिशन तक के लिए यह तरीका अपनाया गया। इसमें जब कोई वीजा लेकर अपने रिश्तदारों से मिलने जाता तो उनका पीछा करके उन्हें तोड़ते हैं। कभी पैसे के लालच में तो कभी रिश्तेदारों से मिलने के लिए रोक टोक हटाने में।
3 डिजीटल ट्रैप
इसके अंतर्गत पाकिस्तानी हैकर सरकारी ईमेल को हैक करते हैं। इसमें से तमाम सूचनाएं निकाल लेते हैं। एक अधिकारी ने बताया चूंकि अधिकारिक ईमेल का पॉसवर्ड हमेशा ही बेहद सरल रखा जाता है। ऐसे में हैकर टारगेट करते हैं।
4 धार्मिक ट्रैप
धार्मिक सम्मेलनों पर आईएसआई की खास नजर रहती है। इसमें आने वालों में से वह कमजोर कड़ी की पहचान करते हैं और फिर उसे लालच देकर जासूसी कराते हैं। इसके अंतर्गत सिंधी समाज के सम्मेलन, जमात के सम्मेलन और यहां तक की गुरुद्वारों के माध्यम से भी ट्रैप करने की कोशिश करते हैं।
5 हिंदू माइनरिटी ट्रैप
आईएसआई हिंदू अल्पसंख्यकों को परेशान करती है। फिर उसमें से जो तेज तर्रार होता है उसे साम, दाम, दंड का भय दिखाकर भेद लाने के लिए तैयार करती है। जैसेलमेर में अगस्त 2016 में उस समय बार्डर इंटलीजेंस के एएसपी रहे राजीव दत्ता ने ऐसे ही नंदू महाराज को पकड़ा था। वह पूरे देश में घूम घूमकर जासूसी कर रहा था।
कॉल के लिए ये तरीका करते हैं इस्तेमाल
स्पूफ कॉल
इसमें जहां से कॉल की जाती है उस स्थान को छुपा लिया जाता है। इसे उस जगह का दिखाया जाता है। जहां कॉल रिसीव होती है। आमतौर पर ऐसे केस में दुश्मन देश की जानकारी हासिल करने के लिए ऐसे नंबर्स से कॉल किया जाता है जिनकी लोकेशन विदेश में होती है।
वॉटसअप कॉल
इसके बाद जब खफिया एजेंट के जाल में व्यक्ति फंस जाता है तो वह उससे उसी के नंबर का वॉटसअप प्रयोग करने लगती हैं। उसके लिए वह कोड मांगकर अपने मोबाइल पर खोल लेती हैं। वाटसअप ने अब एक नंबर को कई सिस्टम पर खोलने की इजाजत दे दी है। पहले इसके लिए नया सिम लेना होता था।
वीओआईपी कॉल
यह इंटरनेट बेस कॉल है। ऐसे में तकनीकी बदलाव करके कॉल को पूरे दुनिया में कहीं से भी दिखाया जाता सकता है। बंगलौर में पकड़े गए टेलीफोन एक्सचेंज में इसी तरह का प्रयोग किया गया था। इतना ही नहीं सिम की लोकेशन को विशेष फ्रीक्वेंसी पर बदला जा सकता है। इसका प्रयोग कर इंटरनेशनल कॉल को लोकल बना दिया जाता है और इससे राजस्व की भी हानि होती है और आतंक का खतरा भी।
पाकिस्तान के लवर ब्वॉय लवर ब्यॉय, आईएसआई ने महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर सूचनाएं निकलवाने वाले लड़कों को यही नाम दिया है। 2010 में इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के प्रेस सचिव का काम कर रही माधुरी गुप्ता को इसी तरह से जाल में फंसाया गया था।