भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से 24 मार्च को जारी एक रिपोर्ट में सामने आया कि बीते साल देश में 2.15 करोड़ नए क्षय रोगी बढ़े हैं। भारत में, हर तीसरे एड्स रोगी की मृत्यु के लिए टीबी ही जिम्मेदार है। इसके अलावा वैश्विक क्षय रोगियों में भारत की एक चौथाई हिस्सेदारी है।
बनाते हैं सस्ते मेडिकल उपकरण
बैंगलुरु के पीएचसी में काम करते हुए उन्हें सस्ते मेडिकल उपकरण बनाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने 2014 में लगातार ऑक्सीजन का नियंत्रित दबाव (सीपीएपी) बनाए रखने वाला एक पोर्टेबल और मैकेनिकल मेडिकल डिवाइस बनाया। यह समय से पहले जन्मे नवजात शिशुओं की सांस लेने में सहायता करता है। नितेश कहते हैं कि उनके बनाए इस उपकरण की कीमत 60 हजार रुपये है जो प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए सस्ता है।
नितेश ने ‘वैप केयर’ नाम का एक और कारगर उपकरण बनाया है। यह वेंटिलेटर पर रखे गए रोगियों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाता है। इस डिवाइस को भारत सहित चीन और अमरीका में भी यूटिलिटी पेटेंट मिला हुआ है।