इन्हीं से महिला उद्यमियों को बिजनेस आइडिया भी मिले हैं। महामारी ने महिलाओं और उनकी दोस्ती को अधिक लचीला बना दिया है। यह कहना है लेखिका अनु सिंह चौधरी का। उन्होंने महामारी के दौरान परिवार और काम के बीच संतुलन साधती कामकाजी माताओं पर ऑडियो सीरीज बनाई है, जिसमें एक सवाल को उठाया गया है कि क्या इस दौर के बाद परिवारों में जेंडर रोल बदल गए हैं ? यह कोविडकाल में लैंगिक भूमिकाओं को लेकर उत्सुकता थी, जिसने उन्हें इसके लिए प्रेरित किया।
कई कहानियां थीं आसपास अनु सिंह चौधरी कहती हैं ‘कोविडकाल में कई कहानियां थीं। वर्क फ्रॉम होम और घर के कामों में महिला और पुरुष दोनों की जिम्मेदारियों के बारे में जानने के लिए मैं जिज्ञासु थी। मैं सभी उम्र की माताओं के पास गई, देखा कि वे कैसे महामारी के दौर में घर, काम, बच्चे और बुजुर्गों के स्वास्थ्य का खयाल रख रही हैं।’