कला एवं संस्कृति मंत्री बीड़ी कल्ला ने कहा कि इंदिरा गांधी और सरदार पटेल अपनी अंतिम सांस तक देश के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने अल्लामा इकबाल के शेर, ‘हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा’ को उद्दत करते हुए इंदिरा गांधी के अंतिम भाषण में कहे, “खून की आखिरी बूंद तक देश के लिए काम आएगी’ शब्दों को याद किया। साथ ही, इंदिरा गांधी के साथ बिताए पलों के स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व की खूबियों को उकेरा। कल्ला ने कहा कि सरदार पटेल और नेहरू के बीच विचार भिन्नता होते हुए भी दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते थे, साथ ही विभिन्न मसलों को मिलकर सुलझाते थे। इन दोनों में विवाद की बातें बिल्कुल गलत हैं।
प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक पद्मश्री डॉ. एस एन सुब्बाराव ने कहा कि भारत सद्भाव, अहिंसा और शांति वाला देश बनेगा तभी हमारी आनेवाली पीढियां सुख से रह सकेंगी। उन्होंने सभी का शांत और खुशहाल भारत बनाने के कार्य मे जुटने का आह्वान किया। उनके साथ, “ये दुलारा देश हमारा प्यारा हिदुस्तान…” गीत में सभी ने सुर मिलाकर माहौल में जोश भर दिया।