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Hi-Tech होगी Indira Rasoi, खाना लेने पर खिंचेगी फोटो- मिलेगा कूपन- पहुंचेगा SMS !

locationजयपुरPublished: Aug 03, 2020 09:38:08 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

अन्नपूर्णा से कई मायनों में अलग होगी इंदिरा रसोई, ‘ख़ास’ सॉफ्टवेयर रखेगा योजना पर ‘ख़ास’ नज़र, मॉनिटरिंग के दौरान लाभारती से लिया जाएगा फीडबैक, रसोई संचालन के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं का होगा चयन
 

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जयपुर

प्रदेश भर के 213 निकायों में 20 अगस्त से शुरू हो रही इंदिरा रसोई योजना पूरी तरह से हाइटेक होगी। रसोई से खाना लेने वाले लाभार्थी की फोटो खिंचेगी, उसे कूपन जारी होगा और फीडबैक लेने के लिए मोबाइल फोन पर एसएमएस भी भेजा जाएगा। फिलहाल सरकार इस कवायद पर काम कर रही है।
जानकारी के अनुसार बड़े पैमाने पर शुरू हो रहे इंदिरा रसोई योजना की मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने इस बार हाइटेक तरीके से नज़र रखेगी। बताया जा रहा है कि योजना की मॉनिटरिंग के लिए एक ख़ास तरह का सोफ्टवेयर बनाया जा रहा है। ये सोफ्टवेयर रीयल टाइम आधार पर लाभार्थी तक भोजन पहुंचाने से लेकर उसकी गुणवत्ता के सम्बन्ध में फीडबैक लिए जाने तक का काम करेगा।
ऐसे काम करेगा हाईटेक सिस्टम
सूत्रों के मुताबिक़ इंदिरा रसोई योजना के तहत शुरू किये जाने वाली प्रत्येक रसोई में कम्प्यूटर और कैमरे लगाए जायेंगे। विशेष तरह का कैमरा भोजन लेने वाले लाभार्थी की फोटो खींचेगा जबकि कम्प्यूटर लाभार्थी के मोबाइल नंबर जैसी सामान्य जानकारी लेकर उसे एक कूपन जारी करेगा। भोजन प्राप्त करने वाले लाभार्थी को इसके बाद उसके मोबाइल फोन पर एक मैसेज भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि लाभार्थी के पास पहुँचने वाला ये एसएमएस मैसेज भोजन और सम्बंधित रसोई के पूरे सिस्टम का फीडबैक प्राप्त करने के लिए होगा। लाभार्थियों से मिलना वाला फीडबैक का डेटा रीयल टाइम आधार पर स्टेट डेटा सेंटर पर दर्ज होगा।
सरकार में बैठे अधिकारी इसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से योजना की मॉनिटरिंग करेंगे। इसी माध्यम से सर्वश्रेष्ठ रसोई का पता लगाने की भी कवायद की जायेगी। बताया जा रहा है कि सबसे बेहतर तरीके से रसोई का संचालन करने वाली संस्था को पुरस्कृत भी किया जाएगा। योजना के अनुसार सम्बंधित जिलों के कलक्टर हर साल दो संस्थाओं को पुरस्कृत करेंगे। साथ ही चयनित दो में से एक संस्था को राज्य स्तर पर सम्मान के लिए नोमिनेट भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि इंदिरा रसोई योजना में गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपए में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा। राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपए अनुदान देगी जिससे योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च होगा। योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
358 रसोइयों का होगा संचालन
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जाएगा। सरकार का दावा है कि योजना से प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल, चौखटी आदि ऐसे स्थानों पर रसोइयां खोली जाएंगी, जहां लोगों की अधिक उपस्थिति रहती है।
भोजन में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है। स्थानीय आवश्यता के अनुरूप मैन्यू व भोजन के चयन की स्वतंत्रता रहेगी।

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