scriptथाने में की थी अंधाधुंध फायरिंग फिर भी पुलिस पकड़ने में नाकाम! | Indiscriminate firing at the police station, yet the police failed to | Patrika News

थाने में की थी अंधाधुंध फायरिंग फिर भी पुलिस पकड़ने में नाकाम!

locationजयपुरPublished: Jul 10, 2020 08:05:48 pm

Submitted by:

Subhash Raj

जयपुर. आधुनिक हथियारों से फायरिंग कर थाने से फरार हुए पपला गुर्जर ने राजस्थान पुलिस और उसकी एसटीएफ की पोल खोल दी है। करीब दस महीने पहले हुई इस वारदात का आरोपी पपला अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पपला एके—47 से फायरिंग करके फरार हुआ था।

थाने में की थी अंधाधुंध फायरिंग फिर भी पुलिस पकड़ने में नाकाम!

थाने में की थी अंधाधुंध फायरिंग फिर भी पुलिस पकड़ने में नाकाम!

पपला को ढूंढने में नाकाम रही राजस्थान और हरियाणा पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार पपला को राजस्थान पुलिस कब गिरफ्त में ले पायेगी। राजस्थान पुलिस विक्रम पपला के सामने असहाय नहर आती है। पपला हरियाणा में भी न्यायालय में पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर फरार हुआ था जिसमें चार पुलिस कर्मियों को गोली लगी थी। पपला गुर्जर पर राजस्थान पुलिस ने एक लाख एवं हरियाणा पुलिस ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। राजस्थान की एसओजी सहित सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए विक्रम पपला अभी भी चुनौती बना हुआ है जिससे अलवर और राजस्थान पुलिस सवालों के घेरे में है। सवाल उठ रहा है कि पुलिस चुपचाप क्यों बैठी है। 10 महीने के बाद भी उसके हाथ खाली हैं। पपला गुर्जर फरारी मामले में दो पुलिसकर्मियों हैड कांस्टेबल विजय कुमार और रामावतार को नौकरी से बर्खास्त किया गया, लेकिन उनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई जबकि एसएचओ सुगन सिंह और डीएसपी जनेश सिंह तंवर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलम्बित किया गया था। बहरोड़ थाने के 69 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया था। छह सितंबर, 2019 में बहरोड़ थाने के लॉकअप में बंद पपला गुर्जर को दो दर्जन बदमाश बहरोड़ थाने में एके 47 और अत्याधुनिक हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग करके पपला को छुड़ाकर ले गये, इसके बाद से वह पुलिस के सामने चुनौती बना हुआ है। आखिरकार पपला गुर्जर को कौन शरण दे रहा है, जिसकी वजह से राजस्थान और हरियाणा पुलिस उस तक नही पहुँच पा रही है। हालांकि पपला एवं उसके साथियों को पकडऩे के लिए राजस्थान पुलिस, एसओजी तथा एटीएस के कई दल लगाये गये। इन दलों ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में छापेमारी की और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद लेकर पुलिस के दस्ते नेपाल सीमा तक पहुंचे, लेकिन पपला गुर्जर अब तक पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है।
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