औद्योगिक प्रतिष्ठान सीएसआर गतिविधियों में प्रोएक्टिव भूमिका निभाएं
जयपुरPublished: Apr 03, 2020 12:22:32 pm
जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम ( Minister of Industry and State Enterprises ) मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि प्रदेश के औद्योगिक प्रतिष्ठान ( industrial establishments ) व्यापक सामाजिक हित ( CSR activities ) में भागीदारी निभाते हुए कोरोना वायरस ( corona virus ) के कारण लॉक डाउन ( lock-down ) की संकट की इस घड़ी मेें प्रदेश में सीएसआर गतिविधियों में प्रोएक्टिव भूमिका निभाएं। उन्होंने राजस्थान ( rajasthan ) की टेक्सटाइल इण्डस्ट्री ( textile industries ) द्वारा सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए प्रधा
औद्योगिक प्रतिष्ठान सीएसआर गतिविधियों में प्रोएक्टिव भूमिका निभाएं
उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि कोरोना लॉक डॉउन के दौरान केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी को ध्यान में रखते हुए विभाग अनुज्ञेय श्रेणी की इकाइयों के संचालन के प्रति गंभीर है। अधिकारियों से चर्चा कर प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाया है। उन्होंने बताया कि विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल, आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल और रीको एमडी आशुतोष पेडनेकर निरंतर समन्वय बनाते हुए है उद्योगों व कार्मिकों के संबंध में तेजी से निर्णय ले रहे हैं। आज पहली आवश्यकता कोरोना वायरस के चलते केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी, निर्देशों और स्वास्थ्य मानकों की पालना सुनिश्चित करना है।
उद्योग मंत्री मीणा ने कहा कि औद्योगिक प्रतिष्ठान अपनी सीएसआर गतिविधियों में आंशिक बदलाव लाते हुए कोरोना वायरस से जूझ रहे नागरिकों के हित में आगे आएं और मुख्यमंत्री रीलिफ फण्ड, क्षेत्र के चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार, मास्क-सेनेटाइजरों के वितरण, जरुरतमंद लोगों के लिए भोजन पैकेट और इसी तरह की गतिविधियों को पहली वरियता दें।
एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सीएसआर गतिविधियों के तहत अभी टैक्सटाइल सेक्टर आगे आया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान स्पिनिंग व विविंग मिल्स एलएनजी ग्रुप ने पांच करोड़ 50 लाख रुपए में से डेढ़ करोड़ रुपए राजस्थान सीएम फण्ड व भीलवाड़ा और अजमेर डीएम रीलिफ फण्ड में देने के साथ ही दो करोड़ रुपए पीएम केयर्स फण्ड, डेढ़ करोड़ रुपए मध्यप्रदेश सीएम रीलिफ फण्ड, 50 लाख रुपए हिमाचल प्रदेश सीएम रीलिफ फण्ड में उपलब्ध कराए है।
उद्योग आयुक्त मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि अनुज्ञेय श्रेणी की इकाइयों को अनुमति प्रदान करने में तेजी आई है। एक अप्रेल तक राज्य में जिला उद्योग केन्द्रों व रीको ने 46 इकाइयों को संचालन की अनुमति जारी कर दी है। 271 इकाइयों ने संपर्क किया हैं वहीं जिले, अंतरराज्यीय व राज्य के बाहर के वाहनों के लिए 53 पास जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कार्मिकों व श्रमिकों के पास के लिए 125 इकाइयों ने संपर्क साधा है और विभाग व रीको ने श्रमिकों व कार्मिकों के 402 पास जारी किए हैं। आयुक्त अग्रवाल ने बताया कि जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों व रीको के अधिकारियों को प्राप्त प्रस्तावों पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राप्त आवेदनों का अधिकतम 6 घंटों में निष्पादन करे और किसी भी स्तर पर देरी हो तो उच्चाधिकारियों से संपर्क कर तत्काल समाधान कराया जाए।