विद्यार्थियों के लिए तरस रहे प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान,दो माह बाद भी नहीं भरी सीट
जयपुरPublished: Oct 16, 2019 10:48:51 am
आईटीआई संस्थानों में सीट नहीं भरी तो अब फिर से मांगे आवेदन,फिर से शुरू हुई प्रवेश
Industrial Training Institute of the state yearning for students
जयपुर
प्रदेश में इंजीनियरिंग,मैनेजमेंट संस्थान ही विद्यार्थियों के लिए नहीं तरस रहे है बल्कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भी विद्यार्थियों के लिए तरस गए है। यही कारण है कि प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों आईटीआई में दो माह बीत जाने क बाद भी सीटें नहीं भरी हैं। विद्यार्थियों का रोजगार नहीं मिलने के कारण आईटीआई कोर्स के प्रति कम होते रुझान के कारण प्रदेश के आईटीआई संस्थानों में सीटें खाली रह गई हैं। इस सत्र 2019 में प्रवेश प्रक्रिया अगस्त माह में शुरू हुई थी और इसी माह में प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जानी थी। लेकिन दो माह का समय गुजर जाने के बाद भी प्रदेश के राजकीय और निजी राजकीय संस्थानों में आईटीआई की सीटें खाली रह गई हैं। जिस कारण से अब फिर से प्रवेश प्रक्रिया फिर से शरू की गई हैं। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में रिक्त रही सीटों पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थी राजस्थान सरकार के एकीकृत पोर्टल और ई मित्र के माध्यम से आवेदन कर सकते है। प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 21 अक्टूबर निर्धारित की गई है। जिसके बाद अभ्यर्थियों की मैरिट के आधार पर काउंसलिंग 21 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे आयोजित होगी। इससे पहले भी सरकारी एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश देने के लिए विभाग द्वारा कई अवसर प्रदान किए। इस सबके बावजूद आज भी लगभग सभी संस्थानों में कई ट्रेडों में सीटें खाली रह गई। विभाग ने तीन बार स्पॉट काउंसलिंग से सीधे प्रवेश भी देने की व्यवस्था की लेकिन फिर भी सीटें खाली रह गई। विभाग की माने तो बार बार प्रवेश प्रक्रिया जारी रखने के बाद भी दस प्रतिशत से अधिक सीट खाली रह गई हैं।
कई ट्रेड्रों में विद्यार्थियों की रुचि कम
एक्सपर्टस की माने तो कई ट्रेड हाल ही में शुरू किए गए हैं। जिनमें विद्यार्थियों की रुचि कम हैं। वहीं गत कुछ दिनों से बोर्ड के परिणाम भी बेहतर आने लगे है। इसलिए लोग आईटीआई में प्रवेश में कम रुचि ले रहे हैं। वहीं जो ट्रेड ट्रेडिशनल चले आ रहे है उनमें प्रवेश में रुचि है बजाए नए ट्रेड में प्रवेश लेने से विद्यार्थी बच रहे है। वहीं रोजगार के कम होते अवसर के कारण और प्रदेश में निजी आईटीआई संस्थानों की संख्या बढ़ने से सीट खाली रह गई हैं।